Apara Ekadashi 2023: अपरा एकादशी आज, भूल से भी न करें ये गलतियां

Apara Ekadashi 2023 Date, Time puja Vidhi: दृक पंचांग के अनुसार, अपरा एकादशी ज्येष्ट कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहा जाता है. शास्त्रों में इस एकादशी को अचला एकादशी भी कहा गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस अपरा एकादशी के व्रत का विधिवत पालन करने से मन और शरीर के बीच का संतुलन अच्छा बना रहता है.एकादशी का व्रत कठिन होता है.इसलिए व्रत के दौरान विशेष सावधानी बरती जाती है. मान्यता है कि एकादशी व्रत का विधिवत पालन ना करने से इसका उचित फल प्राप्त नहीं होता है. आइए जानते हैं कि अपरा या अचला एकादशी कब है, शुभ मुहूर्त क्या है और एकादशी व्रत की पूजा विधि के बारे में.

अपरा एकादशी की तिथि (Apara Ekadashi 2023 Kab Hai)

दृक पंचांग के मुताबित ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 15 मई की रात 02 बजकर 46 मिनट से लेकर अगले दिन 16 मई को रात 01 बजकर 03 मिनट तक है. ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत 15 मई को रखा जाएगा. जबकि अपरा एकादशी का पारण 16 मई को सुबह 6 बजकर 41 मिनट से 8 बजकर 13 मिनट तक है.

अपरा एकादशी व्रत के नियम (Apara Ekadashi Vrat Niyam)

शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार,अपरा एकादशी का व्रत दो तरह से रखा जाता है. इस व्रत को बिना जल ग्रहण किए और फलाहार करके भी भी रखा जा सकता है. जो लोग निर्जला व्रत नहीं रख सकते वे फलाहार और जलीय उपवास करके भी रख सकते हैं. बता दें कि एकादशी व्रत के दौरान भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इसके साथ ही भगवान को फल का भोग लगाया जाता है.

अपरा एकादशी व्रत की सावधानियां

अपरा एकादशी व्रत के दौरान तामसिक आहार और बुरे विचार से बिल्कुल भी दूर रहना होता है. ऐसे में इसका पालन करना चाहिए. इसके साथ ही व्रती को चाहिए बिना भगवान श्रीकृष्ण की उपासना के दिन की शुरुआत कतई ना करें. साथ ही साथ अपने मन को अधिक से अधिक ईश्वर की भक्ति में लगाना चाहिए. इसके अलावा इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. इतना ही नहीं, एकादशी व्रत के दौरान बाल और नाखून काटने से परहेज करना चाहिए और इस दिन देर तक सोने से बचना चाहिए.