नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास की मरम्मत पर करोड़ों रुपये के खर्च को लेकर उपजे विवाद के बीच उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अधिकारियों को खर्च का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश दिया है और 15 दिनों के भीतर मामले पर रिपोर्ट मांगी है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि वर्ष 2020-22 के दौरान छह-फ्लैगस्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
वहीं, आप ने पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा इस मामले को उठाकर वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. राज निवास द्वारा, 27 अप्रैल को जारी एक आदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा आवास के नवीनीकरण में की गई कथित ‘घोर अनियमितताओं’ पर केंद्रित रिपोर्ट का हवाला दिया गया था.
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को जारी आदेश के मुताबिक, ‘‘उपराज्यपाल ने कई मीडिया रिपोर्ट और इस मुद्दे की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए इच्छा जताई है कि इस मामले में सभी प्रासंगिक रिकॉर्ड तुरंत सुरक्षित किए जाएं और इन्हें सुरक्षा के लिहाज से कब्जे में ले लिया जाए.
रिकॉर्ड की जांच के बाद, एक तथ्यात्मक रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर उपराज्यपाल के अवलोकन के लिए प्रस्तुत किया जाए.’’ संजय सिंह और राघव चड्ढा सहित कई आप नेताओं ने प्रधानमंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आवासों पर खर्च का हवाला देते हुए केजरीवाल का बचाव किया है.
सूत्रों के द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के मुताबिक, दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण के लिए स्वीकृत 43.70 करोड़ रुपये के सापेक्ष कुल 44.78 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. यह राशि सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच खर्च की गई.