बाबरी मस्जिद मामले पर शरद पवार ने खोला बड़ा राज, बताई 1992 की PM से धोखे वाली बात

मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि जब 1992 में राम जन्मभूमि आंदोलन जोरों पर था तब उस वक्त के प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को बीजेपी नेता विजया राजे सिंधिया ने आश्वासन दिया कि बाबरी मस्जिद को कुछ भी नहीं होगा नरसिम्हा राव ने अपने मंत्रियों की सलाह के खिलाफ जाकर सिंधिया की बात पर विश्वास कर लिया. उस वक्त के सीनियर जर्नलिस्ट नीरजा चौधरी की पुस्तक ‘हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ के विमोचन’ के समय शरद पवार ने ये दावे किए. बाबरी विध्वंस के वक्त रक्षा मंत्री पद पर रहे पवार ने कहा कि वह उस समय के गृह मंत्री और गृह सचिव के साथ हुई बैठक में शामिल थे.

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Babri Masjid | क्या बोले पवार?

पवार ने कहा, मंत्रिमंडल के का एक समूह जिसका मैं भी हिस्सा था. उसमे बैठक निर्णय लिया गया कि संबंधित पार्टी के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री को बैठक बुलानी चाहिए. उस बैठक में प्रधानमंत्री को विजया राजे सिंधिया ने आश्वासन दिया कि बाबरी मस्जिद को कुछ भी नहीं होगा. पवार ने बताया कि उन्हें, गृह मंत्री और गृह सचिव तीनों को ये लगा कि कुछ भी हो सकता है, लेकिन राव ने सिंधिया की बात पर विश्वास किया. तभी घटना के बाद चौधरी ने कुछ वरिष्ठ पत्रकारों से राव के साथ हुई बातचीत का जिक्र किया, तभी प्रधानमंत्री से सवाल पूछा गया कि विध्वंस के वक्त वह क्या कर रहे थे?

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Babri Masjid | ये दावे किए

पवार ने दावा किया कि पत्रकारों से राव ने कहा कि ऐसा उन्होंने इसलिए होने दिया क्योंकि एक मुद्दा इससे खत्म हो जाएगा राव को लगा कि भाजपा इससे अपना मुख्य राजनीतिक कार्ड खो देगी. पवार ने पुस्तक का विमोचन केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, पूर्व रेल मंत्री और बीजेपी नेता दिनेश त्रिवेदी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के साथ किया. वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने इस पूरी चर्चा की जिम्मेदारी संभाली. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि अन्ना हजारे आंदोलन को सही से न संभाल पाना कांग्रेस नीति संप्रग सरकार के सत्ता से बाहर करने का एक कारण है आंदोलन के ठीक पहले कई घोटाले भी सामने आ चुके थे.

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