Balasore Train Accident: ओडिशा (ODISHA) ट्रेन हादसे में अबतक करीब 300 लोगों ने दम तोड़ दिया है. इस हादसे की चपेट में आए लोगों की अब तक कई कहानियां सामने या चुकी है. किसी ने अपना बेटा खोया तो किसी ने अपना पति. कई लोग बुरी तरह जख्मी हुए तो कितनों को मामूली चोटें आईं. उसमे से एक किस्सा ऐसा भी है जिसे जानकर आप स्तब्ध रह जाएंगे. इस किस्से को आप चमत्कार कह लीजिए या किस्मत. इससे कम कुछ भी नहीं. इस भयानक ट्रेन हादसे में बाल-बाल बचे एमके देब ने घटना की आपबीती बताई है.
दरअसल, एमके देब अपनी 8 वर्षीय बेटी के साथ कोरोमंडल एक्स्प्रेस में कटक जाने के लिए सवार हुए थे. उन्होंने खड़गपुर से ट्रेन पकड़ी थी, उनकी सीट एसी 3 टायर कोच में रिजर्व थी लेकिन विंडो सीट नहीं थी. उनकी 8 साल की बेटी को खिड़की वाली सीट के पास बैठना था. पिता ने काफी समझाया, लेकिन वो नहीं मानी. अंत में हारकर टीसी से सीट बदलने की गुजारिश करनी पड़ी.
दूसरे एसी कोच में बैठे दो लोगों से बदली सीट
बहुत रिक्वेस्ट करने पर टीसी ने बेटी के पिता से कहा कि आप दूसरे पैसेंजर्स से अपनी सीट बदल लीजिए. इसके बाद एम के दुबे अपनी बेटी के साथ दूसरे कोच में आकर बैठ गए. लक अच्छा था की सीट चेंज करने वाले दो लोग मान गए और तीन डिब्बे आगे आकर उनकी सीट पर बैठ गए. इसके कुछ समय बाद ही बालासोर में ट्रेन हादसे का शिकार हो गई जिसमें 294 लोगों की मौत हो गई. हालांकि एम के देब अपनी बेटी के साथ जिस डब्बे में बैठे थे, उसका कुछ नहीं बिगड़ा था जबकि जिस कोच में उनकी बर्थ थी, वह डिब्बा पूरी तरह से छतिग्रस्त हो गया और कई लोगों की जान चली गई.
चश्मदीद ने बताया कि वह और उनकी 8 साल की बेटी तो इस दुर्घटना में बाल-बाल बच गए लेकिन उन दोनों का कोई पता नहीं जो उनकी सीट पर जाकर बैठे थे. वह अपनी बेटी का इलाज कराने के लिए कटक जा रहे थे. उनकी बेटी की हाथ में मामूली चोट आई है.
आंध्र प्रदेश के लापता 141 लोगों की तलाश जारी
कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे में अभी भी आंध्र प्रदेश के 141 लोग लपाता बताए जा रहे हैं. ये सारे लोग कोरोमंडल और यशवंतपुर एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे. इस घटना के पूरे हुए 2 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक उनका कोई पता नहीं चल पाया है. आंध्र प्रदेश से अधिकारियों की एक टीम बालासोर में उनकी तलाश कर रहे हैं. हालांकि आंध्र प्रदेश के किसी भी व्यक्ति की मौत की खबर नहीं है.
दक्षिण मध्य रेलवे के अनुसार आंध्र प्रदेश से 571 यात्रियों ने टिकट बुक की थी. इनमें 22 लोगों के जख्मी होने की खबर है. इस दुर्घटना में ज्यादातर लोगों की जान बच गई है क्योंकि इन लोगों को इनकी टिकट में बोर्डिंग स्टेशन कटक और उसके आगे की थी.