बजट ने लगाई मिडिल क्लास की जेब में आग

हर देशवासी को हर साल आम बजट का इंतजार रहता है. क्योंकि, इसमें गरीब, किसान और नौकरी पेशा व्यक्तियों के लिए अहम घोषणाएं की जाती हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को संसद में केंद्रीय बजट पेश किया था. साल 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की.

अगर बात करें तो इसमें एक करोड़ युवाओं के लिए व्यापक इंटर्नशिप कार्यक्रम, पहली बार नौकरी पाने वालों के लिए रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन और महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम को भी शामिल किया गया है।

इन उपायों का उद्देश्य एक मजबूत और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का निर्माण करना, असमानताओं को कम करना और नागरिकों की जीवन गुणवत्ता को सुधारना है। –

गांव, गरीब और किसान को समर्पित यह बजट भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर इकाेनॉमी में परिवर्तित करने की क्षमता रखने वाला है। सैलरी वाले करदाता को अतिरिक्त बचत का लाभ मिलेगा। प्राकृतिक खेती पर सरकार का विशेष प्रयास देश की आर्थिक उन्नति पर दूरगामी असर डालेगा। एंजेल टैक्स में कटौती की गई है, स्टार्टअप में काफी सहूलियत मिलेगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में स्टॉक्स ट्रेडिंग पर लगने वाले शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर को बढ़ाने का ऐलान किया है. इसने शेयर बाजार में कारोबार करने वालों के चेहरे पर मायूसी लाई

बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया

वित्त मंत्री ने इस बार हेल्थ सेक्टर के लिए 90,958.63 करोड़ रुपये आवंटित करें हैं.

आजकल कैंसर की बीमारी कई लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं. कैंसर का इलाज भी काफी मुश्किल होता है. इसी को देखते हुए सरकार ने कैंसर की तीन दवाइयों पर कस्टम ड्यूटी जीरो कर दी है. अब कैंसर की दवाइयों को इंपोर्ट कराने पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा. सरकार की इस योजना से कैंसर की इलाज सस्ता हो जाएगा. इसके अलावा बजट में एक्सरे ट्यूब और डिजिटल डिटेक्टरों के कंपोनेंट्स पर भी कस्टम ड्यूटी को घटा दिया गया है.

अधिनियम की धारा 192 वेतन आय पर स्रोत पर कर कटौती का प्रावधान करती है। निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि मौजूदा प्रावधानों में संशोधन करके सभी भुगतान किए गए टीसीएस और अन्य सभी धाराओं के तहत काटे गए टीडीएस को वेतन आय पर काटे गए टीडीएस के लिए भी माना जाएगा। इससे 1 अक्टूबर 2024 से वेतनभोगी कर्मचारियों के हाथ में अधिक पैसा आएगा, जब ये संशोधन प्रभावी होंगे।

इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार इन गाड़ियों पर सब्सिडी या टैक्स छूट को और बढ़ाने की घोषणा कर सकती है. पिछले साल के टेलीविजन के दाम में भी कटौती की गई थी. इस बार भी इसी दिशा में कदम उठाए जाने की उम्मीद है.

आमतौर पर सरकार लग्जरी आइटम या फिर उन चीजों के रेट बढ़ाती है जो विलासित से संबंधित होती हैं. सिगरेट, पान-गुटखा पर टैक्स बढ़ाया जा सकता है. पेट्रोल-डीजल वाहन महंगे हो सकते हैं. लग्जरी घरों के दाम व इम्पोर्टेड आइटम के रेट में वृद्धि देखने को मिल सकती है.

सरकार की ओर से सत्र 2024-25 का जो बजट प्रस्तुत किया गया है, उससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी। काॅर्पोरेट सेक्टर की कर प्रणाली को भी सरल बनाया गया है। बजट ”विकसित भारत” की दिशा में एक विस्तृत रणनीति प्रस्तुत करता है.

अगर बात करें तो इसमें एक करोड़ युवाओं के लिए व्यापक इंटर्नशिप कार्यक्रम, पहली बार नौकरी पाने वालों के लिए रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन और महिलाओं के लिए विशेष कौशल विकास कार्यक्रम को भी शामिल किया गया है।

इन उपायों का उद्देश्य एक मजबूत और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का निर्माण करना, असमानताओं को कम करना और नागरिकों की जीवन गुणवत्ता को सुधारना है। –

गांव, गरीब और किसान को समर्पित यह बजट भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर इकाेनॉमी में परिवर्तित करने की क्षमता रखने वाला है। सैलरी वाले करदाता को अतिरिक्त बचत का लाभ मिलेगा। प्राकृतिक खेती पर सरकार का विशेष प्रयास देश की आर्थिक उन्नति पर दूरगामी असर डालेगा। एंजेल टैक्स में कटौती की गई है, स्टार्टअप में काफी सहूलियत मिलेगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में स्टॉक्स ट्रेडिंग पर लगने वाले शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर को बढ़ाने का ऐलान किया है. इसने शेयर बाजार में कारोबार करने वालों के चेहरे पर मायूसी लाई

बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को संसद में केंद्रीय बजट पेश किया था. साल 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की. वित्त मंत्री ने इस बार हेल्थ सेक्टर के लिए 90,958.63 करोड़ रुपये आवंटित करें हैं.

आजकल कैंसर की बीमारी कई लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं. कैंसर का इलाज भी काफी मुश्किल होता है. इसी को देखते हुए सरकार ने कैंसर की तीन दवाइयों पर कस्टम ड्यूटी जीरो कर दी है. अब कैंसर की दवाइयों को इंपोर्ट कराने पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा. सरकार की इस योजना से कैंसर की इलाज सस्ता हो जाएगा. इसके अलावा बजट में एक्सरे ट्यूब और डिजिटल डिटेक्टरों के कंपोनेंट्स पर भी कस्टम ड्यूटी को घटा दिया गया है.

अधिनियम की धारा 192 वेतन आय पर स्रोत पर कर कटौती का प्रावधान करती है। निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि मौजूदा प्रावधानों में संशोधन करके सभी भुगतान किए गए टीसीएस और अन्य सभी धाराओं के तहत काटे गए टीडीएस को वेतन आय पर काटे गए टीडीएस के लिए भी माना जाएगा। इससे 1 अक्टूबर 2024 से वेतनभोगी कर्मचारियों के हाथ में अधिक पैसा आएगा, जब ये संशोधन प्रभावी होंगे।

इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार इन गाड़ियों पर सब्सिडी या टैक्स छूट को और बढ़ाने की घोषणा कर सकती है. पिछले साल के टेलीविजन के दाम में भी कटौती की गई थी. इस बार भी इसी दिशा में कदम उठाए जाने की उम्मीद है.

आमतौर पर सरकार लग्जरी आइटम या फिर उन चीजों के रेट बढ़ाती है जो विलासित से संबंधित होती हैं. सिगरेट, पान-गुटखा पर टैक्स बढ़ाया जा सकता है. पेट्रोल-डीजल वाहन महंगे हो सकते हैं. लग्जरी घरों के दाम व इम्पोर्टेड आइटम के रेट में वृद्धि देखने को मिल सकती है.

बजट में सरकार की नीतियों में लोगों को पैसे जमा करने के लिए प्रोत्साहित करना भी नज़र नहीं आता है.

कैपिटल एसेस्टस यानी मकान, जवाहरात, पेंटिग्स जैसी चीज़ों को बेचने पर मिलता था.

हालाँकि बजट में इंडेक्सेशन टैक्स को 20 फ़ीसदी से घटाकर 12.5 फ़ीसदी कर दिया है, लेकिन इससे फ़ायदा कम और नुक़सान ज़्यादा दिखता है.

यही हाल देश भर में निजी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों का है जिनकी फ़ीस हर साल बढ़ जाती है और इसका सीधा असर मध्यम वर्ग पर पड़ता है. आयकर भरने वालों को यहाँ थोड़ी राहत दी जा सकती थी.

बैंकों में जमा रकम पर ब्याज दरों के बढ़ाने और ब्याज पर लगने वाले टैक्स को कम करके लोगों को पैसे जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता था.

सरकार ने प्लास्टिक प्रोडक्ट्स पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ाई है। इसका मतलब है कि प्लास्टिक से बनी चीजों के दाम भी बजट के बाद बढ़ सकते हैं।

सोलर सेल या फिर सोलर मॉड्यूल बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सोलर ग्लास पर भी टैक्स बढ़ा है। इसका मतलब है कि सोलर सिस्टम लगवाना अब थोड़ा महंगा हो सकता है।