बुलडोजर बाबा बने देश के सबसे लोकप्रिय नेता, प्रधानमंत्री बनने की होड़ में सबसे आगे!!

जो कभी करते थे बाबा का विरोध आज वही बन गए बुलडोजर बाबा के मुरीद, योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्य के बल पर मचाया गदर

दृष्टि आईएस के विकास दिव्यकीर्ति कभी हुआ करते थे योगी विरोधी, आज करते हैं बाबा की तारीफ

बाबा बनेंगे 2024 में प्रधानमंत्री, भारतीय सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा, मोदी और शाह ने भी कह दि मन की बात

अपने काम के दम पर गोरखनाथ मठ के महंत योगी आदित्यनाथ को जब साल 2017 में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद मोदी और शाह ने यूपी का मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया तो यूपी ही नहीं पूरे देश में बीजेपी के फैसले का जबरदस्त विरोध किया गया और यहाँ तक कहा गया कि मठ में रहने वाला एक साधु भला क्या यूपी चलाएगा? लेकिन सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी ने जो काम किया उसके दम पर जहाँ साल 2022 में दोबारा सत्ता हासिल की तो वहीं पूरे देश में सबसे बेहतरीन मुख्यमंत्री भी बन गए। योगी की इसी ताकत को देखते हुए अब दृष्टि आईएस के संस्थापक और प्रबंध निदेशक विकास से दिव्यकीर्ति भी उनके मुरीद हो गए हैं, जो कभी दिल से चाहते थे की योगी को उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहिए। उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाल रहे भगवाधारी योगी आदित्यनाथ आज भले ही यूपी की राजनीति में शीर्ष पर नजर आ रहे हो लेकिन याद करिए एक वक्त वो भी था जब योगी गोरखपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हुआ करते थे और संसद में उनका मजाक उड़ाया जाता था। बिहार के नेता लालू यादव ने योगी का मजाक उड़ाते हुए कहा था की ऐ साधु बाबा आपका काम है मंदिर में घंटी बजाना। तो वहीं यूपी के मुलायम सिंह यादव ने भी लालू का साथ देते हुए कहा था कि संसद में अब साधु बाबा भी बोलेंगे? वो जाकर मंदिर में पूजा करें। योगी आदित्यनाथ जब सांसद हुआ करते थे तब लालू मुलायम जैसे नेता भरे संसद में उनका मजाक उड़ाया करते थे। इसी बात से समझ सकते हैं कि एक साधु को लेकर इस देश के नेताओं की क्या सोच हुआ करती थी? लोगों को लगता था कि साधु हैं तो मठ मंदिर में जाकर पूजा पाठ करे। राजनीति में उनका कोई काम नहीं है। योगी आदित्यनाथ की छवि को लेकर कुछ ऐसी ही सोच है दृष्टि आईएस के संस्थापक डॉक्टर विकास सेवा कीर्ति की भी हुआ करती थी। जब साल 2017 में योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री यूपी जैसे बड़े राज्य की कमान संभाली थी, उस वक्त योगी के सत्ता संभालने का विरोध करने वालों में विकास भी हुआ करते थे। ये खुलासा खुद उन्होंने खुद साहित्य आजतक के मंच पर किया। उन्होंने बताया कि जब योगी को यूपी का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला हो रहा था, उस समय दो तीन उम्मीदवार थे और मैं दिल से चाहता था कि योगी जी सीएम ना बने क्योंकि मेरे लिए उनकी छवि एक मठ के आदमी की थी और धर्म का आदमी सीधा राजनीति चलाएगा तो उतना अच्छा नहीं होगा। लेकिन पिछले पांच सात साल के कार्यकाल में एकाध मुददे पर मुझे कभी कभी लगता है कि कानून का शासन कितना बचता है और कितना नहीं बचता है। इन परफॉर्मेन्स पर देखो तो मैं कहूंगा कि वो एक शानदार मुख्यमंत्री हैं, ये कहने में मुझे कोई आपत्ति नहीं है। विकास दिव्यकीर्ति जो कभी योगी को मुख्यमंत्री बनते हुए देखना भी नहीं चाहते थे, वही दिव्यकीर्ति आज योगी के काम की तारीफ कर रहे हैं और परफॉरमेंस के आधार पर उन्हें शानदार मुख्यमंत्री बता रहे हैं। इसी बात से समझ सकते हैं कि जो लोग कभी एक भगवाधारी के सत्ता संभालने का विरोध कर रहे थे, वही लोग आज योगी सरकार का जबरदस्त काम देखकर उन्हें शानदार मुख्यमंत्री बता रहे हैं। यही है अपने काम से विरोधियो को भी अपना मुरीद बना लेने का बेहतरीन उदाहरण और इसी के दम पर योगी की गिनती देश के नंबर वन मुख्यमंत्री के तौर पर होती है इसी साल अगस्त में वोटर मूड ऑफ द नेशन का एक सर्वे आया था, जिसमें 40 फीसदी के साथ योगी देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री साबित हुए थे तो वहीं 19 फीसदी वोट के साथ अरविंद केजरीवाल दूसरे नंबर पर थे। इसी से समझ सकते हैं कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को देश के ज्यादातर लोग प्रधानमंत्री बनते हुए क्यूँ देखना चाहते हैं। बहरहाल, मोदी के बाद जिस तरह से योगी का कद बढ़ रहा है। विरोधी भी उनके काम की तारीफ कर रहे हैं। इस पर आपका क्या कुछ कहना कमेंट कर हमें अपनी राय जरूर बतायें।