10 दिन बाद पहुँचा टनल मे कैमरा, जानिए अंदर के हालात!

पहाड़ी के ऊपर से ड्रिलिंग करके करीब 80 मीटर गहरे लंबरूप बचाव शाफ्ट के निर्माण के लिए पहली मशीन भी सुरंग तक पहुंच गई है. इसके लिए पहाड़ी के ऊपर सड़क भी बना दी गई है. इसके अलावा, सुरंग के दूसरे छोर बड़कोट से भी ड्रिलिंग करना हुआ प्रारंभ
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे को 10 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी भी मजदूर अंदर ही फंसे हैं. उन्हें बाहर निकालने की अभी तक की सभी कोशिशें विफल साबित हुई हैं. इस बीच टनल के अंदर फंसे मजदूरों का पहली बार वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में साफ तौर पर यह देखा जा सकता है कि अंदर फसे मजदूरों और सुरंग की हालत कैसी है. यह पहली बार है जब सीसीटीवी कैमरा उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में उस जगह पहुंचा है जहां मजदूर फंसे हैं.
राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों के प्रयासों की मदद से टनल के अंदर संकट में फंसे 41 मजदूरों के पास कैमरा पहुंच गया है. ये कैमरा 6 इंच के पाइप के साथ भेजा गया है. इसी पाइप की मदद से मजदूरों के लिए खिचड़ी भी भेजी गई है. खिचड़ी को बोतल की मदद से यानी खिचड़ी को बोतल मे बंद करके भेजा गया है. कैमरे की मदद से अंदर की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सकता है. अंदर लाइट की पूरी व्यवस्था है, वीडियो में मजदूरों को सिर पर सेफ्टी हेलमेट पहने हुए देखा जा रहा है 10 दिन से फंसे हैं मजदूर
टनल में खुदाई के दौरान घटाव के होने की वजह से पिछले 10 दिनों से 41 मजदूर टनल में फंसे हुए हैं. यह वीडियो देखकर ये पता लगाया जा सकता है कि अंदर फंसे सभी मजदूर पूरी तरह सुरक्षित हैं. उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है. अब उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकालने की कोशिश है. मजदूरों की सुरक्षा के लिए विदेशी तकनीक का भी सहारा लिया गया है।
53 मीटर लंबा पाइप पहुंचा टनल के अंदर

सुरंग में ड्रिलिंग करके मलबे के पार 53 मीटर लंबा पाइप पहुंचाया गया. इससे पहले, सुरंग में मजदूरों तक ऑक्सीजन, हलका खाना, मेवे, दवाइयां और पानी पहुंचाने के लिए चार इंच की पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा था. नए पाइप को ‘लाइफ लाइन’ कहा जा रहा है. साथ ही मजदूरों को बाहर निकालने के अन्य विकल्पों को खोजने के लिए DRDO ड्रोन और रोबोट भी लगाए हैं