Chandrayaan 3 Landing | चीन के चंद्रमा मिशन के संस्थापक यांग जियुजान ने भारत के चंद्रयान-3 के दावे को गलत बताया है. भारत ने चंद्रयान-3 को मून के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सफलतापूर्वक लैंड किया, लेकिन चीनी वैज्ञानिक का कहना है कि यह लैंडिंग साइट वास्तव में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में नहीं है.
Chandrayaan 3 Landing | चंद्रयान-3 का लैंडिंग स्थल चंद्रमा
Chandrayaan 3 Landing | चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत की उपलब्धि के रूप में बताया, और इसरो भी इस सफलता को स्वीकार किया। लेकिन चीनी वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रयान-3 का लैंडिंग स्थल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में नहीं है, और उनका तर्क है कि यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के बजाय अक्षांश 69 डिग्री पर है।
Chandrayaan 3 Landing | चीनी वैज्ञानिकों के दावे ने चंद्रयान-3 की सफलता पर प्रश्नचिन्ह
Chandrayaan 3 Landing | चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रयान-3 का लैंडिंग स्थल दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के अक्षांश 88.5 और 90 डिग्री के बीच में नहीं है, और उनका ध्यान यहाँ तक जाता है कि चंद्रयान-3 के द्वारा चुना गया स्थल कार्टन क्रेटर के किनारे पर है, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने को मुश्किल बनाता है।
यह भी पढ़ें: इस दिन मनाया जायेगा जन्माष्टमी का त्यौहार
यह संघर्ष चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल के अवधारणीयता पर बात करता है, जैसे कि नासा ने दक्षिणी ध्रुव को 80 से 90 डिग्री दक्षिणी ध्रुव कहा है, लेकिन चीनी वैज्ञानिक इसे और छोटा मानते हैं। इसी के साथ, चीनी वैज्ञानिकों के दावे ने चंद्रयान-3 की सफलता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
Chandrayaan 3 Landing | चंद्रयान-3 की सफलता को मान्यता
Chandrayaan 3 Landing | इस विवाद ने चंद्रयान-3 के सफलता को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है और विश्वभर में वैज्ञानिकों के बीच आलोचना को बढ़ा दिया है। इसके बावजूद, नासा ने इसरो को इस सफलता के लिए बधाई दी है, और चंद्रयान-3 की सफलता को मान्यता दिया है, लेकिन यह विवाद अब तक जारी है।
अन्य खबरों के लिए देखें हमारा You Tube : https://youtube.com/@WeRNewsLive