लोकसभा चुनाव 2024 खत्म हो चुके हैं बीजेपी को इन चुनाव में बहुमत तो नहीं मिला लेकिन अभी भी इसने विपक्षी पार्टियों से ज्यादा सीटें हासिल की है. भारतीय जनता पार्टी अपने इस नतीजे से खुश नजर नहीं आ रही उसे इस चुनाव में अगर किसी राज्य से सबसे करारी शिकस्त मिली है तो वह है उत्तर प्रदेश. वहीं बात की जाए विपक्षी पार्टियों की तो विपक्षी पार्टियों का पहले के मुकाबले इस बार का परफॉर्मेंस काफी ज्यादा अच्छा रहा है. वही एक बार फिर से यूपी में 10 विधानसभा सीटों में चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है. यह उपचुनाव इंडिया गठबंधन और बीजेपी के लिए काफी ज्यादा अहम है.
अभी तक उपचुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है लेकिन इंडिया गठबंधन ने इसके लिए कमर कस ली है. वहीं बीजेपी के संगठन मंत्री बल एल संतोष भी हार की समीक्षा के बाद, होने वाले उपचुनाव वाली 10 सीटों की तैयारियों का जायजा लेने लखनऊ पहुंचे. वहीं संसद का विशेष सत्र खत्म हो चुका है जिसके बाद अखिलेश यादव भी इन यूपी चुनाव वाली 10 सीटों की तैयारी के लिए अपने दफ्तर में मीटिंग करते हुए नजर आए हैं. इन 10 सीटों पर उन्होंने अपना कैंडिडेट उतारने के लिए उन्होंने संगठन और नेताओं से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है.
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए इन 10 सीटों पर चुनाव जीतना बेहद जरूरी हो गया है क्योंकि अगर वह इन 10 सीटों पर चुनाव हार जाते हैं तो उनकी सियासत पर सवाल खड़े होना शुरू हो जाएंगे. अखिलेश यादव भी इस स्ट्रेटजी के साथ मैदान में उतरेंगे कि उनकी लोकसभा की जीत वाला मोमेंटम ब्रेक ना हो सके.
इस उपचुनाव की पूरी जिम्मेदारी सीएम योगी आदित्यनाथ ने ली है क्योंकि उन्हें पता है कि अगर इस चुनाव में हार हो जाती है तो हार का ठीकरा उनके सर पर ही फोड़ा जाएगा. जिसके चलते उन्होंने इन 10 सीटों करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर मीरापुर, फूलपुर, मझवा और सीसामऊ की सीटों पर उम्मीदवार उतारने से लेकर इसके मैनेजमेंट इसकी चुनावी रणनीति की जिम्मेदारी खुद संभाली है.