Devshayani Ekadashi 2023: देवशयनी एकादशी का व्रत आज, जानें पारण समय; पूजा विधि और मंत्र

Devshayani Ekadashi 2023: देवशयनी एकादशी का व्रत 29 जून को यानी आज रखा जा रहा है. हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु को एकादशी और गुरुवार दोनों ही प्रिय हैं. दृक पंचांग के अनुसार, इस बार देवशयनी एकादशी पर 5 दुर्लभ संयोग बने हैं, जो कि पूजा-अर्चना के लिए बेहद खास हैं. पुराणों के मुताबिक, देवशयनी एकादशी का व्रत रखने से समस्त पाप कट जाते हैं और भगवान विष्णु की आशीर्वाद प्राप्त होता है. देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु शयन में चले जाते हैं. इस दौरान भगवान शिव पूरी सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं. इस चातुर्मास भी कहा जाता है. आइए जानते हैं देवशयनी एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र.

देवशयनी एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त

  • आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी तिथि शुरू – 29 जून 2023, सुबह 03 बजकर 18 मिनट पर
  • आषाढ़ शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त – 30 जून 2023, सुबह 02 बजकर 42 मिनट पर
  • देवशयनी एकादशी व्रत पारण समय – दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से शाम 04 बजकर 36 मिनट तक (30 जून 2023)
  • पूजा का समय – सुबह 10 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक

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देवशयनी एकादशी 2023 शुभ योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, देवशयनी एकादशी पर ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति के कारण 6 बेहद शुभ संयोग बन रहे हैं. ऐसे में आज स्थिर, सिद्धि, बुधादित्य, गजकेसरी और रवि योग का निर्माण हो रहा है. इसके साथ ही इस बार देवशयनी एकादशी पर गुरुवार होने से इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. ऐसे में देवशयनी एकदशी पर इन शुभ योग का संयोग व्रती को उपवास और पूजा का दोगुना फल देगा.

देवशयनी एकादशी पूजा विधि

  • देवशयनी एकादशी पर सूर्योदय से पहले स्नान कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
  • इस दिन शंख में दूध डालकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का अभिषेक करना अच्छा होता है.
  • भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, पीले फूल, पीले फल, चंदन, अक्षत्, पान का पत्ता, सुपारी, अर्पित कर उनकी विशेष पूजा करें.
  • श्री हरि के प्रसाद में तुलसी का पत्ता जरुर डालें. धूप, दीप जलाकर ओम भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें.
  • एकादशी कथा का सुने, सुनाएं. साथ ही इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना शुभ होता है.
  • अंत में भगवान विष्णु की आरती कर प्रसाद वितरण करें. क्षमा याचना करें. एकादशी पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, छाते, जूते दान करना शुभ होता है.
  • एकादशी के दिन रात्रि जागरण कर अगले दिन द्वादशी तिथि पर शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करना चाहिए.

देवशयनी एकादशी मंत्र

सुप्ते त्वति जगन्नाथ जगत सुप्तं भवेदिदम।
विबुद्धे त्वयि बुध्येत जगत सर्वं चराचरम।।

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