DRDO TAPAS UAV Drone: भारतीय नौसेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को एक महत्वपूर्ण साधन के सफल उपयोग की खुशी मिली है. तपस ड्रोन ने नौसेनिक अड्डे से उड़ान भरने के बाद सफलतापूर्वक वापसी की है. तपस एक मानव रहित आपातकालीन विमान (यूएवी) ड्रोन है. इसकी सफलता का सबूत है कि तपस ड्रोन ने नौसेना के साथ मिलकर आईएनएस सुभद्रा पर स्थापित एक दूरस्थ ग्राउंड स्टेशन से तपस के कमांड और नियंत्रण क्षमताओं को सफलतापूर्वक ट्रांसफर किया है.
तपस ड्रोन को समुद्र तल से 20,000 फीट की ऊंचाई पर ऑपरेट किया गया है. इसकी उड़ान का कुल समय 3 घंटे और 30 मिनट रहा है. साथ ही, आईएनएस सुभद्रा ने 40 मिनट के लिए इसके नियंत्रण का संचालन किया. तपस यूएवी ने प्रातः 7 बजकर 35 मिनट पर चित्रदुर्ग के एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) से उड़ान भरी और नौसैनिक अड्डे तक पहुंचने के लिए 285 किलोमीटर की दूरी तय की.
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डीआरडीओ ने अपने एक बयान में बताया है कि उन्होंने यूएवी के नियंत्रण की सुविधा के लिए आईएनएस सुभद्रा पर एक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन और दो शिप डेटा टर्मिनल स्थापित किए गए हैं. सफल परीक्षण के बाद, तपस यूएवी वापस अटेक रिकॉर्ड ट्रैकर (एटीआर) पर लौट आया है. तपस यूएवी डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है. यह एक मध्यम ऊंचाई और लंबी सहनशक्ति (एमएएलई) वाला मानव रहित हवाई वाहन है.
तपस 28 हजार फीट उड़ान भरने में सक्षम
इस ड्रोन को इस साल की शुरुआत में बेंगलुरु में आयोजित हुए एयरो इंडिया 2023 में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया था. इसकी रेंज 18 घंटे से अधिक है और यह 28,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इसे तीनों सेवाओं की ISTAR (खुफिया, निगरानी, लक्ष्य प्राप्ति, ट्रैकिंग और टोही) आवश्यकताओं के जवाब में विकसित किया गया. तपस यूएवी ऑटानोमस्ली रूप से उड़ान भर सकता है या फिर रिमोट कंट्रोल के जरिए ऑपरेट किया जा सकता है. इस प्री-प्लांड योजनों के आधार पर दिन या रात दोनों समय उड़ाया जा सकता है. इस ड्रोन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराहना कर चुके हैं.