4 महीनों के लिए बंद हो जाएंगे शुभ काम, श्रीहरि करेंगे विश्राम

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सनातन धर्म में कई ऐसे दिन भी होते हैं जिसमें कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता माना जाता है कि ऐसे दिनों में किसी भी शुभ काम करने से उसे व्यक्ति के जीवन पर विपरीत असर पड़ता है जैसे खरमास का महीना इस महीने में किसी भी तरह का शुभ काम नहीं किया जाता वहीं हिंदू धर्म में शुक्र अस्त को भी काफी ज्यादा महत्व दिया जाता है शुक्र अस्त्र के दिन किसी भी तरह के शादी समारोह नहीं होती है.

सनातन धर्म में आषाढ़ के महीने का काफी महत्व माना जाता है इस महीने में विष्णु जी की हर तरह से पूजा की जाती है विष्णु जी को समर्पित करते हुए सत्यनारायण पाठ राम कथा हवन कीर्तन कराए जाने चाहिए ऐसा करने वाली व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और वह कभी भी दुखी नहीं रहता वही आषाढ़ महीने में आने वाले देवशयनी एकादशी एकादशी के दिन जो भी व्यक्ति निर्जला उपवास सकता है भगवान उसकी सभी तरीके से मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं उसे सुख समृद्धि प्रदान करते हैं.

हिंदू पंचांग के अनुसार देवशयनी एकादशी के बाद से सभी तरीके के शुभ काम बंद कर दिए जाते हैं मान्यता है कि इस एकादशी के बाद से भगवान श्री हरि विष्णु चार महीना के लिए क्षीरसागर में शयन करने चले जाते हैं. भगवान श्री हरि अपना सारा दायित्व भगवान शिव को सौंप कर चार माह तक आराम करते हैं इस समय भगवान शंकर सृष्टि के पालन का काम करते हैं

इन 4 महीनों में शादी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन या कोई शुभ कार्य नही किया जाता है. अगर कोई हर की पैड़ी पर पूजा पाठ या कोई भी कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं तो तो उसे नहीं किया जा सकता. इन चार महीनों में गंगा स्नान, भगवान श्री हरि का ध्यान, दान और व्रत करना चाहिए. लेकिन इन चार महीना में भगवान शंकर की किसी भी तरह से पूजा करना वर्जित नहीं है. इन चार महीना में पूरे भक्ति भाव से शिव की आराधना की जा सकती है.