Earthquake से फिर मची दहशत! जानें किस रिएक्टर पर फैला सकता है कितनी तबाही?

Earthquake News: भारत में हर साल भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. कभी-कभी इन भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक होती हैं कि आसपास के इलाकों को बेहद नुकसान तक झेलना पड़ जाता है. लेकिन आखिर यह भूकंप क्यों आता है? इसकी तीव्रता कैसे मापी जाती है और भारत के किन राज्यों पर भूकंप (Earthquake) का सबसे अधिक असर देखा जाता है? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं…..

भूकंप कैसे आता है?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भूकंप (Earthquake) एक भौगौलिक प्रतिक्रिया है. जिसके मुताबिक इस धरती की ऊपरी सतह टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी होती है. जब ये टेक्टोनिक प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं तो भूकंप की स्थिति तैयार होती है. स्पष्ट तौर पर कहें तो जब ये टेक्टोनिक प्लेटें एक दूसरे से टकराकर घर्षण उत्पन्न करती हैं तो ऊर्जा उत्पन्न होती है. इस ऊर्जा के चलते प्लेटें हिलती हैं और इसी के साथ धरती भी हिलने लगती हैं.

भूकंप रिएक्टर क्या है?

भूकंप रिएक्टर (Earthquake) एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए भूकंप की जांच की जाती है. इसके माध्यम से भूकंप के स्केल का ज्ञान होता है. साथ ही भूकंप रिएक्टर के माध्यम से आने वाले भूकंप की तीव्रता का पता लगाया जा सकता है.

भूकंप की तीव्रता

भूकंप की तीव्रता का मापन भूकंप रिएक्टर के माध्यम से किया जाता है. इसके अनुसार अलग अलग स्केल पर भूकंप की तीव्रता को देखा जाता है.

0-1.9 रिक्टर स्केल – भूकंप की इस तीव्रता का ज्ञान सीज्मोग्राफ से ही होता है.

2-2.9 रिक्टर स्केल – इस स्केल पर भूकंप की तीव्रता बेहद कम होती है. इस स्केल पर हल्का कंपन होता है, जिसका एहसास नहीं होता है.

3-3.9 रिक्टर स्केल – इस स्केल पर हल्के कम्पन का लोगों को अहसास होता है.

4-4.9 रिक्टर स्केल – भूकंप की इस तीव्रता पर ऐसे झटके लगते हैं जिसमें खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवारों पर टंगी तस्वीरें गिर सकती हैं.

5-5.9 रिक्टर स्केल – भूकंप की इस तीव्रता पर फर्नीचर हिल सकता है. इस तरह के 800 भूकंप के झटके सालभर में अा सकते हैं.

6-6.9 रिक्टर स्केल – भूकंप की इस तीव्रता पर इमारतों की नीवें हिल सकती हैं. इस तीव्रता के भूकंप सालभर में 120 बार आने की आंशका रहती है.

7-7.9 रिक्टर स्केल – भूकंप की इस तीव्रता पर इमारतें गिरने लग जाती हैं. इस तीव्रता के भूकंप साल में 18 बार आते हैं.

8-8.9 रिक्टर स्केल – भूकंप की इस तीव्रता पर बिल्डिंग के साथ ही बड़े पुल भी गिर सकते हैं.

9 रिक्टर स्केल – भूकंप की इस तीव्रता में धरती पर त्राहि माम मच जाती हैं. इस तीव्रता पर धरती फट जाती हैं. चारों तरह भूकंप के ऐसे झटके लगते हैं जिसमें बिल्डिंग एक साथ डह जाती हैं. लोगों को संभलने का भी मौका नहीं मिलता है. इस तीव्रता के भूकंप 20 साल में एक बार आने की आंशका रहती है.

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2023 के अब तक भूकंप

इस साल की तिमाही माह से ही भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए हैं. 2 मार्च को 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था जिसका केंद्र नेपाल में पूर्वी क्षेत्र लोबुज्या रहा था. इसके बाद 3 मार्च को अरुणाचल प्रदेश भूकंप का केंद्र बना. 7 मार्च को अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में 10 किलोमीटर गहराई वाले केंद्र से भूकंप का झटका 4.9 तीव्रता के साथ महसूस हुआ. इसके बाद 12 मार्च को 4.8 तीव्रता का भूकंप मणिपुर के वांगजिंग केंद्र से उठा.

21 मार्च को अफगानिस्तान भूकंप का केंद्र बना और इस दिन 6.8 तीव्रता का भूकंप देश में आया. जिसका असर भारत में 22 मार्च को कई क्षेत्रों में महसूस हुआ. इसके बाद 28 मई को भूकंप के झटके पंजाब, हरियाणा समेत जम्मू में महसूस किए गए. जिसका केंद्र अफगानिस्तान का फैजाबाद बताया गया और भूकंप की तीव्रता 5.9 रही. हालांकि इस भूकंप के झटके से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ.

फिलहाल बीते मंगलवार को भारत के कई क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. जिसमें उत्तर भारत के कई राज्य शामिल हैं. दिल्ली एनसीआर में कल इस भूकंप के झटके से 10 मिनट तक धरती हिलती रही. हालांकि, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 बताई गई. जिसके बाद से लोगों में दहशत का माहौल बन गया साथ ही स्कूल और घर से लोग बाहर निकल आए.

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