सभी नहीं पहन सकते तुलसी की माला, नियम का करना पड़ता है पालन

तुलसी के पौधे में कई औषधीय गुण होते हैं. इसे घर में लगाना काफी ज्यादा शुभ माना जाता है. सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का काफी ज्यादा महत्व है. लोग अपने घरों में रोज तुलसी के पौधे को जल चढ़ाते हैं और दिया जलाते हैं इतना ही नहीं हिंदू धर्म के अनुसार कार्तिक मास का पूरा महीना तुलसी की पूजा को समर्पित होता है. घर में होने वाली रोज की पूजा या फिर किसी प्रकार की विशेष पूजा में तुलसी के दल का इस्तेमाल किया जाता है. माना जाता है कि अगर किसी भोजन में तुलसी के पत्तों को मिला दिया जाए तो इसे खाने का स्वाद तो बढ़ ही जाता है और खाने में बरकत भी होती है.

विष्णु जी को मानने वाले कई भक्त तुलसी का माला धारण करते है. तुलसी की माला को गले में धारण करने के कई फायदे होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी की माला हर कोई नहीं पहन सकता इसको धारण करने के अपने कुछ नियम होते हैं और उन नियमों का पालन करके ही तुलसी के माला को धारण किया जाता है. आईए जानते हैं उन नियमों के बारे में:-

ऐसा माना जाता है कि तुलसी के माला को पहन कर किसी भी अंतिम संस्कार में नहीं जाना चाहिए ना ही माला धारण करने वाले व्यक्ति को शमशान घाट जाना चाहिए. अगर किसी विकट परिस्थिति में या फिर अपने किसी प्रियजन की मृत्यु के बाद शमशान घाट जाना पड़ता है तो इससे पहले उसे तुलसी के माल को उतार कर गंगाजल में डुबोकर रख देना चाहिए. उसके बाद ही अंतिम संस्कार या शमशान घाट जाना चाहिए.

तुलसी की माला धारण करने वाले लोगों को तामसिक भोजन से बचना चाहिए और ऐसे लोगों का मांस मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से तुलसी का अपमान होता है और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं. तुलसी की माला पहनने वाले व्यक्ति को किसी भी प्रकार का कोई भी नशा नहीं करना चाहिए उसे हर तरह के नशे से दूर रहना चाहिए.