भोजन करना तो हर किसी का शौक होता है आए दिन लोग तरह-तरह के भोजन करते है. वह अपने घर में न जाने कितने तरह के व्यंजनों को बनवाता है और शौक से खाता और अपने प्रिय जनों को खिलाता है. खाने खिलाने के कई तरीके भी होते हैं कुछ लोग को जमीन पर बैठकर खाना खाना पसंद होता है तो कुछ लोग अपने बिस्तर पर बैठकर खाना खाते हैं. कुछ अपने सोफे पर तो कुछ डाइनिंग टेबल का इस्तेमाल करते हैं कुछ चेयर और टेबल अलग से यूज करते हैं. लेकिन खाने की थाली को लेकर अक्सर लोग कुछ गलतियां कर जाते हैं जिससे लक्ष्मी मां उनसे रूठ सकती हैं और उनके घर में दरिद्रता का वास हो सकता है.
धर्मशास्त्र के अनुसार सभी चीजों को करने के अपना एक नियम होता हैं और कुछ ऐसी चीज जो लाइफ में आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं या आपकी जिंदगी में नेगेटिविटी ला सकती हैं उसे न करने का सुझाव दिया जाता है. धर्मशास्त्र के अनुसार भोजन करने के भी अपने नियम होते हैं उन नियमों का पालन न करने से घर में दरिद्रता का वास हो जाता है.
सनातन धर्म में अन्न को देवता कहा गया है. अन्न का अनादर करने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं. जो लोग भोजन करने के नियमों का पालन करते हैं उनके घर में सदा बरकत और सुख समृद्धि रहती है. मां अन्नपूर्णा हमेशा उनके अपनी कृपा दृष्टि रखती हैं. भोजन हमेशा पूर्व और उत्तर दिशा की ओर ही मुह करके खाना चाहिए कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भोजन नहीं करना चाहिए.
खाना खाते समय बार-बार पानी नहीं पीना चाहिए. अगर बार-बार पानी पीने की इच्छा हो रही है तो उसे दाहिने हाथ से पीना चाहिए इससे सुख और सौभाग्य की वृद्धि होती है. इतना ही नहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें खाना खाने के बाद थाली में हाथ धोने की आदत होती है ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा देवी नाराज हो जाती हैं और उसे अन्न को लेकर जीवन में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
ऐसा माना जाता है कि खाना बनाते वक्त अगर पहली रोटी गाय के लिए निकाल दी जाए और घर में जितने भी व्यंजन बने हो उसका भोग गाय को लगा दिया जाए तो इससे घर में बरकत आती है. इतना ही नहीं खाना खाते वक्त अगर पहला निवाला चिड़ियों और पक्षियों के लिए निकाल दिया जाए तो लाइफ में आने वाले नेगेटिव एनर्जी पॉजिटिव एनर्जी में बदल जाती हैं.