इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी ने खिलाड़ियों को अगले तीन सीजन के लिए रिटेन करने की संख्या को बढ़ाने की रिक्वेस्ट की है. इस मामले में 10 फ्रेंचाइज़ी ने अपनी अलग-अलग पेश कीं है लेकिन ज्यादातर फ्रेंचाइजी ने पहले की तुलना में ज्यादा रिटेंशन की डिमांड की है. टीम अपने लगभग 30% प्लेयर्स ही रिटेन करना चाह रही हैं.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की तरफ से फ्रेंचाइजी को ज्यादा से ज्यादा 4 खिलाड़ियों को रिटेन करने की परमिशन दी गई दी थी. इन खिलाड़ियों में तीन से ज्यादा भारतीय खिलाड़ियों को रिटेन नहीं किया जा सकता था. जबकि दो से ज्यादा विदेशी खिलाड़ियों को रिटेन नहीं कर सकते थे. अगर ऐसा ही होता है तो इस बार इस बार वॉलेट में भी 20 करोड़ का फायदा हो सकता है.
क्रिकबज के मुताबिक रिटेंशन पॉलिसी को बीसीसीआई द्वारा अंतिम रूप देना शुरू हो चुका है. फ्रेंचाइजी के मालिकों की बैठक इस महीने के लास्ट में रखी गई है जिसके बाद ही किसी भी तरह का कोई डिसीजन लिया जा सकेगा. इस बैठक को तभी ऑर्गेनाइज कराया जाएगा जब सभी फ्रेंचाइजी के मालिक इस मीटिंग के लिए अपना टाइम निकाल सकेंगे.
आईपीएल मेगा ऑक्शन इस साल के आखरी में ऑर्गेनाइज किया जाएगा. फ्रेंचाइजी से राइट टू मैच कार्ड को लेकर भी सजेशन मांगा गया था. 2021 में RTM का इस्तेमाल नहीं किया गया था. ज्यादातर फ्रैंचाइजी ने 5 से 7 रिटेंशन की रिक्वेस्ट की है. एक फ्रैंचाइजी ने तो 8 रिटेंशन का प्रस्ताव रखा है. वहीं कुछ टीमों का कहना है कि रिटेंशन नहीं होना चाहिए. वे सिर्फ़ RTM को सपोर्ट करती हैं ना कि रिटेंशन को. जबकि बीसीसीआई ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है. उन्होंने कहा कि वह फ्रेंचाइजी मालिकों के मीटिंग के बाद ही अपने डिसीजन को खिलाड़ियों के सामने रखेंगे.