G20 Budget | दिल्ली में G20 Summit का आयोजन सफलतापूर्वक हुआ है, जिसमें तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्ष भाग लेने आए। इस समिट के अलावा, भारत ने अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की और ज़रूरी निर्णयों पर चर्चा की। इसमें एक महत्वपूर्ण घोषणा भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर के बारे में की गई है, जो एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
G20 Budget | हालांकि, इस उत्सव के बाद कुछ विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि सरकार ने इस समिट के आयोजन में पहले से आवंटित किए गए बजट से 300% ज्यादा खर्च किया है। टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने एक ट्वीट में आरोप लगते हुए पूछा कि पिछले केंद्रीय बजट में G-20 शिखर सम्मेलन के लिए कितना आवंटन किया गया था, और उनके अनुसार, सरकार ने वास्तव में उससे 300% ज्यादा खर्च किया है।
G20 Budget | सरकार का जवाब
G20 Budget | इस आरोप के बाद, सरकार ने इसका जवाब देते हुए इसे गलत और भ्रांतिपूर्ण बताया है। सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर फैक्ट चेकिंग टीम PIB ने विस्तार से जाँच की है और यह खुलासा किया है कि यह खर्च सिर्फ G-20 समिट के लिए नहीं किया गया था। बल्कि इसमें लॉन्ग-टर्म इन्फ्रास्ट्रक्चर और एसेट्स में निवेश भी शामिल था, जिससे देश के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
G20 Budget | इससे साफ होता है कि यह खर्च सिर्फ एक समिट के लिए नहीं था, बल्कि यह एक लंबे समय के निवेश का हिस्सा था, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को स्थिरता और विकास की दिशा में मदद मिलेगी।
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मुद्दों पर समझदारी से चर्चा
सरकार ने जवाब में कहा की – आरोप करने वाले दल बजट के खर्च को गंभीरता से देखें, ताकि उनके आरोपों में असलियत और सांवेदनिक दिशा स्पष्ट हो सके। देश के विकास के लिए इस प्रकार के निवेश अकेले समिट के आयोजन से ही नहीं, बल्कि लंबे समय के निवेश के रूप में भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इसलिए, ऐसे मुद्दों पर समझदारी से चर्चा करनी चाहिए, सही जानकारी हासिल करना ज़रूरी है, ताकि सच्चे फैक्ट्स के आधार पर निर्णय लिया जा सके।
हाल ही में G 20 की बैठक के दौरान बारिश के चलते 2700 करोड़ से बने भारत मंडपम में पानी भर गया था जिसके बाद सभी विरोधी दाल सवाल उठाते हुए आरोप लगा रहे थी की यह बहुत बड़ा घोटाला है.
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