चुनाव ना लड़कर बीजेपी को जीता रही है बसपा?

Ghosi By-Election | रविवार को घोसी विधानसभा उपचुनाव का प्रचार समाप्त हो गया। पांच सितंबर इस सीट पर वोटिंग होनी है. इधर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी बढ़ने लगे है. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी पर तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोला है.

उधर उपचुनाव में मतदान से पहले बसपा ने बड़ा सियासी दांव खेल दिया है. जिसे देखकर ऐसा लग रहा है की उपचुनाव वाले दिन बसपाई या तो घर पर बैठकर रिजल्ट का वेट करेंगे और अगर बूथ तक गए तो नोटा दबाएंगे. घोसी के सियासी रण में बसपा के इस कदम से हंगामे जैसी स्थिति बन गई है क्योंकि यहां की विधानसभा में 90 हजार से भी अधिक दलित वोटर हैं जो किसी भी इलेक्शन रिजल्ट पर इफेक्ट डाल सकते हैं.

बसपा उम्मीदवार को पिछले चुनावों में भी यहां अच्छे खासे वोट मिलते रहे हैं. मऊ की घोसी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव का प्रचार बंद हो चुका है. यहां पांच सितंबर को मतदान होना है. सियासी नजरिए से भी इस चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है. जिसके दो प्रमुख कारण हैं.

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Ghosi By-Election | चुनावी दंगल

पहला कि दारा सिंह चौहान सपा को छोड़ फिर से भाजपा में शामिल हो गए हैं जो यहां के चुनावी दंगल में अपनी ताल ठोक रहे हैं। वहीं दूसरा कारण यह है कि इस चुनाव का लोकसभा चुनाव-2024 से पहले होना जिसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बनाम ”इंडिया” (आई.एन.डी.आई.ए) के रूप में देखा जा रहा है.

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Ghosi By-Election | बसपा का दांव

इस उप चुनाव में बसपा ने अपना उम्मीदवार न उतार कर एक बड़ा दांव खेल है. वहीं बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल का कहना है कि विधायकों को तोड़ने के लिए पहले दल बदल कानून लाया गया था. जिस दल बदल पर रोक लगाई जा सके पर अब एक नई परिपाटी की शुरुआत हो चुकी है. कि किसी भी पार्टी के किसी सदस्य का इस्तीफा दिलाकर अपनी पार्टी में शामिल कर लिया जाता है और फिर उसे चुनाव लाडवा दिया जाता है. जिसका पूरा प्रभाव जनता पर जाता है. उन्होंने कहा कि हम और हमारी पार्टी ऐसे चुनाव का बहिष्कार करते हैं और हमारी पार्टी से जो लोग वोट डालने जाएंगे वह नोट दबाएंगे.

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