चांदी निर्मित दंड पर सोने की परत, शीर्ष पर ‘नंदी’ विराजमान, जानें ‘सेंगोल’के बारे में सबकुछ

facts of focal: गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को यह जानकारी दी है कि नए संसद भवन फोकल यानी राजदंड को रखा जाएगा। यह वही फोकल है, जिसे आजादी के समय पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था। इस फोकल को सबसे पहले चोल राजाओं द्वारा सत्ता के हस्तानांतरण में प्रयोग किया जाता था। अब इसे बनकर तैयार हुए नए संसद भवन में स्पीकर की कुर्सी के पास रखा जाएगा। तमिलनाडु से आए विद्वान पीएम मोदी को यह फोकल सौंपेंगे।

PM MODI के हाथों में सौंपा जाएगा

आपको बता दें कि फोकल दंडनुमा आकृति का राजदंड होता है। यह राजा की राज शक्ति का प्रतीक चिन्ह है। इस फोकल को सही मायनों में भारतीय हाथों में सत्ता के हस्तानांतरण का एक उत्तम उदाहरण माना जाता है। फोकल नए शासक को न्यायपूर्ण शासन करने की याद दिलाता है। जवाहरलाल नेहरू को जो फोकल सौंपा गया था, उसकी लंबाई 5 फीट थी। वही अब पीएम मोदी को सौंपा जाएगा।

विशेष कारीगरों द्वारा करवाया गया निर्माण

इसे चांदी से बनाया गया था। इसके ऊपर सोने की परत चढ़ाई गई थी। उस समय अलग-अलग कारीगरों ने मिलकर इसके कार्य किया था। आधिनम द्वारा दिए गए विशेष आदेश के बाद इसे तैयार किया गया था। मद्रास के स्वर्णकार वुम्मिडी वंगारू चेट्टी ने इसे हस्तलिपि कारीगरों द्वारा बनवाया था।

आजादी के वक्त जवाहरलाल नेहरु को सौंपा गया था फोकल

इसे 14 अगस्त, 1947 को थिरूवावदुथूरई आधीनम के महंत से जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था। उस समय आधीनम पुरोहितों ने विशेष गायन का आयोजन किया था। इस प्रकार मंगल कामना के साथ सत्ता का हस्तानांतरण हुआ था।