अब सेना में यूज होंगे स्वदेशी हथियार, देश में होगा इनका निर्माण

रक्षा मंत्रालय सेना के अंदर विदेशी सामानों को बैन करने की पूरी तरह से तैयारी कर चुका है. दिसंबर 2025 तक रक्षा मंत्रालय 371 डिफेंस मटेरियल को देश से खरीदना जरूरी करने वाला है. इस तरह के मटेरियल को पूरी तरह से देश में ही तैयार किया जा रहा है और कोशिश की जा रही है कि दिए समय के बाद इसे बाहर से इंपोर्ट ना किया जा सके. सेफ्टी वेपंस में आत्मनिर्भरता लाने के लिए 371 सेफ्टी प्रोडक्ट्स का निर्माण देश में ही किया जाएगा. जिससे देश स्टेबिलिटी की ओर बढ़े और आत्मनिर्भर बने.

यह डिसीजन रक्षा उत्पादन विभाग, डीआरडीओ और उद्योग जगत से डिस्कस करके ही लिया गया है. यह सभी सेफ्टी वेपंस अभी तक विदेशों से ही एक्सपोर्ट किया जा रहे थे जबकि डीआरडीओ और उद्योग जगत इन्हें देश में ही बना सकता है. इन सामानों में गोला, बारूद कई तरह की बंदूकें, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाले विमान, राइफल, राडार, पनडुब्बिया समेत कई और चीजें शामिल हैं.

धीरे-धीरे देश में विदेशी एक्सपोर्ट को पूरी तरह से बैन कर दिया जाएगा. सेना देश में बने हुए डिफेंस इंस्ट्रूमेंट को खरीदने के लिए लायबल हो जाएगी. इन सभी सेफ्टी वेपंस का पहले टेस्ट किया जाएगा उसके बाद ही इन्हें रक्षा मंत्रालय को सौंपा जाएगा. कई बार रक्षा मंत्रालय एक ग्लोबल टेंडर निकालकर भी इन सामानों को खरीद बेंच सकती है.

धीरे-धीरे इसके लिए ग्लोबल टेंडर की जरूरत खत्म हो जाएगी और सिर्फ देश में ही इन सभी सामानों का इस्तेमाल किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार कई मटेरियल देश के अंदर बनना शुरू हो चुके हैं लेकिन अभी तक सेना में इसका इस्तेमाल होना बाकी है. कई देश किसी भी रक्षा सामान को खरीदने से पहले यह भी देखते हैं कि जिस सामान को वह उस देश से खरीद रहे हैं उनकी सेना में उसे समान का इस्तेमाल हो भी रहा है या नहीं.