Janmashtami | सनातन धर्म को मानने वालों के लिए जन्माष्टमी का त्योहार बेहद खास होता है. इस दिन वह भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करते हैं उपवास करते हैं और उन्हें कई तरह के मिष्ठानों का भोग लगाते हैं. आपको बता दे कि भगवान श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है जो हर युग में पापियों का संहार करने के लिए धरती पर अवतार लेते हैं. भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर में कंस, वृत्तासुर, पूतना, बकासुर जैसे अन्य कई राक्षसों का संहार कर उन्हें बैकुंठ में स्थान दिया था. वैसे तो भगवान अपने भक्तों से कभी नाराज नहीं होते लेकिन कुछ चीज हैं जिनका सेवन करने से भगवान तुरंत नाराज हो सकते हैं.
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Janmashtami | न करें इसका सेवन
जन्माष्टमी के दिन व्रत रहने की मान्यता सदियों पुरानी है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा के साथ उनके भक्तजन उपवास भी रखते हैं लेकिन अगर कोई व्यक्ति उपवास नहीं कर सकता है तो उसे कुछ काम बिल्कुल नहीं करना चाहिए जैसे कि उसे उस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए साथ ही साथ मांस मदिरा का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए ऐसा करने वाले व्यक्तियों से भगवान नाराज हो सकतें हैं. भगवान विष्णु को तुलसी अत्यधिक प्रिय है इसलिए जन्माष्टमी के दिन तुलसी के पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए.
भगवान श्री कृष्णा एक ग्वाले थे और उन्हें गायों से खूब लगाव था. मान्यता है कि इस दिन गायों की सेवा करनी चाहिए अगर आपके आसपास कोई गाय हैं तो उसे हरी घास खिलानी चाहिए इस दिन गायों और उनके बछड़ों को नहीं सताना चाहिए.
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Janmashtami | इसे अर्पण करने से खुश होते है भगवान
कहते हैं कि भगवान को प्रसन्न करने के लिए बस सच्ची भक्ति की जरूरत होती है और किसी आडंबर से भगवान कभी भी प्रसन्न नहीं हो सकते लेकिन कुछ चीजे जिन्हें भगवान को अर्पण करते हैं तो वह शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं. मान्यता है की जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्णा पर तुलसी की मंजरी और पत्तियां चढ़ाने से भगवान शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं.
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