खालिस्‍तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू है जिंदा, संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय के सामने से जारी किया video

Gurpatwant Singh Pannu: खालिस्‍तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्‍नू ने दावा किया है कि वह अभी जिंदा है। इससे पहले पन्‍नू के कार हादसे में मारे जाने की खबरें आई थीं। इस बीच पन्‍नू ने न्‍यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय के बाहर से एक वीडियो जारी करके कार हादसे की सभी अटकलों को खारिज किया है। खालिस्तानी आतंकी उसने दावा किया है कि इस वीडियो को कल यानि 5 जुलाई को ही शूट किया गया है। यही नहीं आतंकी पन्‍नू ने एक बार फिर से कनाडा, ऑस्‍ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन में भारतीय राजनयिकों को धमकी दी है। आइए जानते हैं पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से.

अमेरिका में बैठकर देता था धमकी

बता दें कि कुख्यात खालिस्तानी आतंकी पन्नू अमृसर के खानकोट का रहने वाला है. कुछ समय पहले वह यहां से विदेश चला गया. जहां पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर खालिस्तानी मंसूबों को पूरा करने में लग गया. खालिस्तानी आतंकी पन्नू अमेरिका के अलावा इंगलैंड और कनाडा में अपने संगठन के जरिए भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहता था. इसके अलावा वह खालिस्तान की मांग के नाम पर पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिश में जुटा रहता था. इसके साथ ही वह भारत की एजेंसियों को बदनाम कर उस पर दवाब बनाने की कोशिश करता था. हाल ही में उसने खालिस्तान समर्थकों की हत्या के बाद इसके लिए कनाडा और अमेरिका में भारतीय दूतावास के अफसरों को जिम्मेदार ठहराते हुए वीडियो भी जारी किया था. यह उसका धमकी भरा आखिरी वीडियो था.

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कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू

कुख्यात खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू मूल रूप से पंजाब के अमृतसर जिले के गांव खानकोट का रहने वाला बताया जाता है. उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन किया. उसके बाद न्यूयॉर्क के टूरो लॉ कॉलेज से मास्टर्स और यूनिवर्सिटी ऑफ हार्टफोर्ड से एमबीए की डिग्री ली. इसके बाद वो कनाडा चला गया. आरोप है कि वो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से पंजाब में खालिस्तानी मुहिम को फिर से जिंदा करने में लग गया. इसी मकसद से उसने ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) की स्थापना की. भारत में यह संगठन प्रतिबंधित है. भारत सरकार ने 2019 में इस पर बैन लगाया था.

बता दें कि 1 जुलाई 2020 को गुरपतवंत सिंह पन्नू काफी चर्चा में आया था. तब भारत सरकार ने उसे UAPA कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया था. जुलाई 2020 में ही पंजाब पुलिस ने अमृतसर और कपूरथला में उसके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था. उसके बाद NIA ने UAPA एक्ट 1967 की धारा 51 ए के तहत अमृतसर स्थित उसकी अचल संपत्तियों की जब्ती का आदेश दिया था.

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