1 जुलाई से देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं. यह कानून पुराने तीन भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलकर लाए जा रहे हैं. जिनका नाम भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 हैं. जिसकी अधिसूचना गृह मंत्रालय ने 24 फरवरी को ही जारी कर दी थी. अब इसे 1 जुलाई से पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा लेकिन इन कानूनों को लेकर आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम को एक पत्र लिखा है.
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से अपने पत्र में इन तीनों आपराधिक कानून को फिलहाल के लिए लागू ना करने की गुजारिश की है. ममता ने अपने पत्र में लिखा है कि वह अपने फैसले को स्थगित करें. इन नए तीनों कानून को लेकर संसद में एक बार फिर से नए तरीके से समीक्षा होनी चाहिए.
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा कि यह तीन कानून तब पारित किए गए थे जब लोकसभा के लगभग 100 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया था और दोनों सदनों के 146 सांसदों को बाहर कर दिया गया था. उस वक्त की उनकी सरकार ने इन तीनों कानून को एकतरफा पास कराया था जिसकी संसद में कोई भी चर्चा नहीं हुई थी.
आपको बता दें कि इन नए तीन कानूनों में भारतीय दंड संहिता 1872 की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023 लेगा वहीं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को जगह मिलेगी और दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 लागू किया जाएगा. मोदी सरकार को इन कानूनों को लागू करने का मकसद अभी तक न्याय प्रक्रिया में होने वाली देरी को खत्म करके तुरंत नया दिलाना है. इससे न्यायालय के अंदर बढ़ाने वाले केसेस में कमी आएगी.