आदिपुरुष फिल्म के विवादित सीन पर लेखक Manoj Muntashir ने दी सफाई, जानें क्या कहा?

Manoj Muntashir News: इन दिनों फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) काफी चर्चा में है. इस फिल्म में साउथ एक्टर प्रभास (Prabhas) श्रीराम की भूमिका में नजर आएंगे और बॉलीवुड अभिनेत्री कृति सेनन (kriti sanon) सीता का रोल निभा रही हैं. इस फिल्म ने रिलीज होने से पहले ही करोड़ों रुपए की कमाई कर ली है, लेकिन इस फिल्म से जुड़े कुछ एक सीन पर काफी विवाद खड़ा हो चुका है. यहां तक की फिल्म में दिखाए गए कुछ एक चित्रण की काफी निंदा भी की जा रही है. कभी इस फिल्म के कलाकारों की वेशभूषा तो फिर कभी इस फिल्म में दिखाए गए सीन पर बवाल मच रहा है.

हाल ही में सालासर (Salasar) बालाजी के पुजारी ने फिल्म को लेकर एक विवादित बयान दिया है. उनके अनुसार आदि पुरुष फिल्म में रामायण (Ramayan) का इस्लामीकरण कर दिया गया. ऐसे में इस फिल्म को लेकर उठ रहे विवादों के बीच फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत (Om Raut) और लेखक मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) ने अपनी सफाई दी है.

फिल्म के विवादित सीन को लेकर क्या है लेखक और निर्देशक की राय?

आदि पुरुष फिल्म में रावण के क्रूर दिखाए जाने पर भी काफी बवाल मचा था, जिसको लेकर निदेशक ओम राउत और लेखक मनोज मुंतशिर का कहना है कि हमारी फिल्म में दिखाया गया रावण (Ravan) का रूप काफी क्रूर और राक्षसी प्रवृत्ति का है, जोकि आज के जमाने का रावण है. अगर रावण खिलजी (Khalji) के जैसा लग रहा है, तो उसमें क्या ही बुराई है? रावण भी बुरा था और खिलजी भी.

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इसके अलावा रावण द्वारा प्रयोग किए जाने वाले पुष्पक विमान पर भी काफी विवाद छिड़ा था, जिस पर सफाई देते हुए मनोज मुंतशिर ने कहा कि पुष्पक विमान काफी पवित्र विमान था. ऐसे में हमने फिल्म के जरिए मायावी पक्षी के रूप को दर्शाया है, जोकि रावण का वाहन है. उससे पुष्पक विमान का कोई लेना देना नहीं है. माता सीता के हरण के समय रावण द्वारा उन्हें स्पर्श ना करने के पीछे भी निदेशक ओम रावत ने अपना स्पष्टीकरण दिया है.

उनका कहना है कि माता सीता हम सब की मां जैसी हैं, इस फिल्म के जरिए हमने ऐसा दिखाया है कि कोई भी उन्हें नहीं छू सकता. दूसरी और उन्होंने यह भी कहा, कि रावण ने माता सीता का हरण करने से पहले अपनी बहू रंभा के साथ गलत किया था,जिस कारण उसे यह श्राप मिला था कि अगर वह किसी स्त्री को छुएगा तो भस्म हो जाएगा, ऐसे में फिल्म में भी रावण को बिना सीता माता को छुए उनका हरण करते दिखाया गया है.

हनुमान जी को चमड़े के वस्त्र पहनाने के आरोप में मनोज मुंतशिर ने बताया कि हनुमान जी को पहनाए गए वस्त्र चमड़े के नहीं बल्कि कैनवास हैं. इस तरह से फिल्म को लेकर उठ रहे विवादों के बारे में इस फिल्म के लेखक और निर्देशक लगातार सफाई दे रहे हैं. उनका कहना है कि हमारा मकसद सिर्फ और सिर्फ सनातन धर्म को आने वाली पीढ़ी तक ले जाना है, हमने फिल्म के जरिए रामायण की कहानी में कोई भी फेरबदल नहीं किया है.

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