मथुरा के बाँके बिहारी कॉरिडोर को मिली हरी झंडी!

बनारस में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर अब मथुरा के बांके बिहार मंदिर में भी किया जायेगा कॉरिडोर का निर्माण. सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार की प्रस्तावित योजना को हरी झंडी मिली. इस कॉरिडोर का निर्माण 5 एकड़ में किया जाएगा
मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के चारों तरफ कॉरिडोर बनाने का रास्ता साफ हो गया है. सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार की प्रस्तावित योजना को हरी झंडी दिखा दी है. इसका निर्माण ठीक उसी तरह किया जाएगा जिस तरह से बनारस में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाया गया था. हालांकि, कॉरिडोर का निर्माण सरकारी पैसे से किया जाएग. मंदिर के खाते में पड़े पैसों का इस्तेमाल नही किया जायेगा.
आइये जानते है मन्दिर कॉरिडोर के बारे मे.
प्रस्थापित प्लान के अनुसार, कॉरिडोर निर्माण के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है. कॉरिडोर का निर्माण करीब 5 एकड़ में किया जाएगा. कॉरिडोर में तीन रास्ते होंगे जिसके जरिए श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर तक पहुंच सकेंगे. पहला रास्ता जुगल घाट से शुरू होगा और मंदिर तक जाएगा. दूसरा रास्ता विद्यापीठ चौराहे से और तीसरा रास्ता जादौन पार्किंग से शुरू होकर मंदिर तक पहुंचेगा. कॉरिडोर में तीन रास्ते इसलिए दिए जा रहे हैं ताकि मंदिर पहुंचने वाली भीड़ को तीन हिस्सों में बांटा जा सके.
कॉरिडोर में और क्या-क्या होगा खास?

मंदिर के चारों तरफ बनने वाला कॉरिडोर दो मंजिलमंजिल का होगा. कॉरिडोर की दीवार पर बांके बिहारी से जुड़ी कलाकृति भी देखने को मिलेगी.

इस कॉरिडोर में यात्रियों की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. कॉरिडोर में यात्रियों के रूकने की भी व्यवस्था के साथ-साथ स्नानघर और पीने के पानी की भी व्यवस्था होगी.

इसके अलावा मेडिकल इमरजेंसी की भी व्यवस्था बनाई जाएगी. दूर से आने वाले श्रद्धालू के लिए सामान घर, जूता-चप्पल रखने के लिए जगह के साथ-साथ बड़े हॉल की भी व्यवस्था की जायेगी.

कॉरिडोर का निर्माण इस तरह किया जाएगा ताकि श्रद्धालु एक साथ कई और प्राचीन मंदिर का भी दर्शन कर सकेंगे. खासकर मदन मोहन मंदिर और राधा वल्लभ मंदिर जाने वाले रास्ते को भी कॉरिडोर से जोड़ दिया जाएगा.

कॉरिडोर में एक परिक्रमा मार्ग भी बनाने का प्रस्ताव किया गया है. इसका ऊपर का हिस्सा करीब 12000 वर्ग मीटर का होगा जबकि निचला हिस्सा 11500 वर्ग मीटर के आसपास को होगा.

कॉरिडोर का निर्माण पांच एकड़ में किया जाएगा. इसके अतंर्गत आने वाले भवन और संपत्तियों का यूपी सरकार आगे करेगी और बदले में मालिक को मुआवजे का भुगतान भी किया जाएगा. भुगतान के लिए करीब 200 करोड़ रुपए प्रस्तावित किया गया है.

कॉरिडोर का निर्माण काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह होगा, ऐसे में मंदिर से यमुना तट तक के लिए रास्ते का निर्माण किया जाएगा ताकि श्रद्धालु नदी में डुबकी लगाने के बाद सीधे बांके बिहारी का दर्शन कर सके.
पुजारियों ने कॉरिडोर को गैर-जरूरी बताया था

मामले की सुनवाई के दौरान मंदिर के पुजारियों ने यूपी सरकार के कॉरिडोर बनाने के प्रस्ताव का प्रतिरोध किया था. उन्होंने निर्माण को गैर-जरूरी बताया और बांके बिहार को मिले चढ़ावे और चंदे की रकम को देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद हाई कोर्ट ने मंदिर के खाते में जमा धन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी.