हाथरस भगदड़ मामले में 121 लोगों की जान चली गई और कई लोग पूरी तरह से घायल हो गए प्रशासन ने इस मामले में तुरंत ही एक्शन लिया और एक SIT गठित करके मामले की जांच कराई जांच में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें दो महिलाएं दो बुजुर्ग शामिल है वही बाबा को इस पूरे मामले का दोषी नहीं माना जा रहा है जिसे लेकर मायावती ने SIT पर कई सवाल उठाए हैं. SIT रिपोर्ट को लेकर उन्होंने अपने एक्स अकाउंट में एक लंबा चौड़ा नोट लिखा है. उन्होंने कहा कि SIT की रिपोर्ट को देखकर ऐसा लगता है कि यह रिपोर्ट हाथरस भगदड़ की गंभीरता को देखते हुए नहीं बल्कि राजनीति से इंस्पायर होकर बनाई गई है.
उन्होंने लिखा कि “यूपी के ज़िला हाथरस में सत्संग भगदड़ काण्ड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण, किन्तु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुःखद”
अपनी दूसरी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि “इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण। साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय। सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो.”
एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में आयोजक कमेटी को ही दोषी माना है उन्होंने कहा है कि आयोजन की लापरवाही की वजह से ही यह भगदड़ हुई है एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहीं भी सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का जिक्र नहीं किया है एसआईटी ने कहा कि यह घटना किसी साजिश के तहत भी हो सकती है जिसकी एक गहन जांच करनी होगी.