मिशन सूरज में यूज होगी ये टेक्निक्स, झेलेगा सूर्य का ताप

Mission Sun | चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो अब सूरज में भी अपना स्पेसक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रहा है जिसका नाम उसने आदित्य L1 रखा है. इसरो के मुताबिक उनका सूर्य मिशन आदित्य L1 प्रक्षेपण के लिए तैयार है. लेकिन क्या आपने सोचा है कि जिस सूर्य का इतना ज्यादा टेंपरेचर है कि उससे करोड़ों किलोमीटर दूर होने के बाद भी जब एक इंसान की स्किन झुलस सकती है तो फिर एक इसके स्पेसक्राफ्ट उसके पास जाकर कैसे राख नहीं होगा. तो आईए जानते हैं कि साइंटिस्ट आदित्य L1 में क्या यूज करेंगे कि वह सूरज की गर्मी झेल सके.

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Misson Sun | मिशन का मकसद

इसरो का मिशन सूर्य को लेकर आदित्य L1 को भेजने का यही मकसद है कि वह सूर्य के चारों ओर उसकी कक्षा और उसकी सतह का अध्ययन करेगा. ऐसा करने वाला आदित्य L1 भारत का पहला सूर्य मिशन होगा.

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Mission Sun | कैसे करेगा आदित्य L1 सूर्य के ताप का सामना

आपकों बता दें कि आदित्य L1 को सैटेलाइट L1 से गुजरने वाली हेलो ऑर्बिट में लॉन्च किया जाएगा. यह पॉइंट पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जो पृथ्वी और सूरज की बीच की दूरी का 100वां हिस्सा है. अभी तक नासा के पार्कर सोलर प्रोब द्वारा भेजी गए सैटेलाइट ही सूर्य के सबसे नजदीक गई है. नासा द्वारा भेजी गई सैटेलाइट ने सूर्य के 1000 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा ताप का सामना किया है. जबकि इसरो द्वारा भेजे गए आदित्य L1 को इतनी गर्मी का सामना नहीं करना पड़ेगा वह सूर्य से काफी ज्यादा दूरी पर रहेगा.

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