कैची धाम की महिमा का है पूरे विश्व में बखान, खुल जाते हैं कि बंद किस्मत के ताले

पूरी दुनिया में फेमस कैंची धाम करोड़ों श्रद्धालुओं की श्रद्धा का प्रतीक है. कोई ही होगा जिसे नीम करौली वाले बाबा की महिमा के बारे में ना पता हो. विश्व प्रसिद्ध कैंची आश्रम उत्तराखंड के नैनीताल में बना हुआ है. नीम करौली वाले बाबा को स्वयं हनुमान जी काई अवतार माना जाता है. इन्होंने ही कैंची धाम का निर्माण कराया था. आश्रम में बाबा ने दूसरे भी कई मंदिरों को बनवाया था. दुनिया की जानी मानी हस्तियां आज बाबा नीम करौली के दर्शन के लिए आ चुकी हैं. फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग, एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स, भारतीय क्रिकेट टीम के एक्स कैप्टन विराट कोहली ही नहीं विश्व की कई बड़ी हस्तियां बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आ चुकी हैं. बताया जाता है कि जब बाबा अल्मोड़ा से नैनीताल की तरफ आ रहे थे तभी अल्मोड़ा रोड जहां पर आज कैंची धाम बना हुआ है बाबा ने अपनी गाड़ी से उतरकर कैची धाम मंदिर के लिए जमीन चुनी थी.

महाराज जी को मानने वाले और पहाड़ पर रहने वाले लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं. बाबा की सभी लीलाएं हनुमान जी के रूप का दर्शन कराती थी. बचपन में ही नीम करौली बाबा गुजरात चले गए थे. उसके बाद फर्रुखाबाद, ऋषिकेश, लखनऊ, वृंदावन, कानपुर, शिमला पहुंचकर बाबाजी ने हनुमान मंदिर की स्थापना की थी. जहां – जहां बाबा रुकते थे वो जगह हनुमंतमय होता चला जाता था

बाबा पहली बार साल 1962 में कैंची आए और यहीं पर हनुमान मंदिर की नींव रखी. नीम करौली महाराज जब तुलाराम साह और श्री सिद्धि मां के साथ रानीखेत से नैनीताल की तरफ जा रहे थे कि तभी इस जगह को देख वो गाड़ी से उतर गए और आश्रम के लिए इसे पसंद किया. जिसके बाद उन्होंने कैंची मंदिर का निर्माण कराया. बताया जाता है कि जब वह इस स्थान पर पहुंचे थे तो गाड़ी से उतर कर अचानक सड़क किनारे बैठकर मंदिर वाली जगह को देखने लगे. इस जगह पर सोमबारी महाराज की गुफा और धूनी स्थित है महाराज जी को जिसे देखने इच्छा हुई जिसके बाद उन्होंने इस स्थान की सफाई कारवाई.

कैंची में काफी बड़े और घने जंगल हुआ करते थे जहां पर महाराज जी ने वहां पर आश्रम बनवाने की इच्छा रखते हुए वहां की अथॉरिटी से परमिशन मांगी लेकिन उन्हें परमिशन नहीं दी गई. लेकिन महाराज जी की शक्तियों के आगे सब कुछ हारा हुआ नजर आया और उन्हें परमिशन दे दी गई. महाराज जी ने सबसे पहले इस जगह पर हनुमान मंदिर का निर्माण कराया फिर धीरे-धीरे करके उन्होंने कैची आश्रम के अंदर कई अन्य मंदिरों का भी निर्माण कराया. आज भी इस आश्रम में सोमवारी महाराज जी की धूनी और अवशेषों को संभाल कर रखा गया है. महाराज जी ने सिद्धि माँ से कहा था कि आने वाले 50 सालों में इस आश्रम का स्वरूप पूरी तरह से बदल जाएगा. आज महाराज जी को अपना शरीर त्यागे हुए 50 साल हो चुके हैं. आज इस आश्रम की प्रसिद्धि पूरे दुनिया में हो चुकी है. दुनिया के बड़े-बड़े नेता अभिनेता समेत कई बड़ी हस्तियां उनके दर्शन के लिए आती हैं.