मंत्री जी के नाम से बुक हुआ था कमरा, कैंडिडेट्स ने किया खुलासा

नीट पेपर लीक का मामला पूरे देश में टॉप पर है. इस स्कैम के तार कई जिलों से जुड़े हुए मिले है. बीते कुछ दिन पहले गुजरात के गोधरा से इसका कनेक्शन जुड़ा हुआ मिला था लेकिन इसके बाद अब बिहार से भी इसके कनेक्शन के मिलने की खबर आ रही है. बिहार से नीट पेपर लीक के कुछ आरोपियों के होने की खबर मिली थी. जिसके बाद उन आरोपियों को पहचान कर उनसे पूछताछ की जा रही है. आरोपियों से पूछताछ में कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट सामने आए हैं जिसमें पता चला कि जिस होटल में वे सब ठहरे थे वहां पर एक आदमी ने होटल के रजिस्टर में अपने नाम के आगे मंत्री जी लिखवाया था.

नीट पेपर लीक मामले में बिहार के जिन नीट कैंडिडेट्स को जेल भेजा गया था उन सब ने अपने बयान में कबूल किया है कि पेपर शुरू होने के 4 घंटे पहले ही उन्हें क्वेश्चन पेपर मिल गया था. क्वेश्चन पेपर के साथ ही उन्हें उसकी आंसर सीट भी दी गई थी. इसके बाद इसका एक प्रिंटआउट निकलवाया गया और कैंडिडेट्स को वह क्वेश्चन पेपर आंसर्स के साथ रटाना शुरू कर दिया गया था.

नीट पेपर लीक मामले में अनुराग यादव नाम के एक कैंडिडेट को अरेस्ट किया गया है. उस कैंडिडेट के मुताबिक उन्हें NHAI गेस्ट हाउस में रोका गया था. बताया जा रहा है कि NHAI गेस्ट हाउस में रोकने का एक कारण यह भी था कि यहां से कैंडीडेट्स को किसी और जगह में ले जाकर लीक हुए क्वेश्चन पेपर और उनके आंसर्स को रटाया जा सके. लेकिन कैंडिडेट्स को रटाने के लिए जो कमरा बुक किया गया था वह किसी मंत्री जी के नाम पर बुक था.

नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड सिकंदर यादवेंदु ने बताया कि वह अमित आनंद से मिला. उसे अमित ने बताया कि वह नीट, UPSE, BPSC के पेपर लीक कराकर कैंडिडेट्स को पास करता है. इसके लिए वह सभी कैंडिडेट से 30 से 32 लख रुपए तक लेता है. सिकंदर यादवेंदु ने कुबूल किया कि उसे पेपर से पहले ही लीक पेपर मिल गया था. जिसके बाद उसने कैंडिडेट्स को आंसर के साथ उसे पेपर को रटा दिया था.