नेपाल PM के दौरे से पहले भारत को मिला पड़ोसी देश का साथ, चीन की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

Nepal pm visit: बीते दिन नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भारत की चार दिवसीय यात्रा पर निकले हैं. इस दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देश के प्रधानमंत्रियों ने आपस में विद्युत और उद्योग से जुड़ी वैश्विक परियोजनाओं पर खुलकर चर्चा की. उधर नेपाल के प्रधानमंत्री की भारत (India) यात्रा से पहले ही, नेपाल (Nepal) के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल (ram chandra paudel) ने भारत के नागरिकता कानून में एक महत्वपूर्ण संशोधन को अपना समर्थन दे दिया है. ऐसे में नेपाल के राष्ट्रपति का यह फैसला दोनों देशों के मध्य आपसी संबंधों को और मजबूत करेगा. हालांकि नेपाल के इस फैसले से पड़ोसी देश चीन (China) को खासा दिक्कत हो सकती है. जिसके बारे में आगे हम चर्चा करेंगे.

नेपाल के इस समर्थन से चीन को क्या है परेशानी?

भारत के नागरिकता कानून में पड़ोसी देश नेपाल से जुड़ा एक संशोधन किया गया था. जिसके अनुसार जो भी व्यक्ति खासकर विदेशी नेपालियों से विवाह संबंध बनाएंगे, उन्हें तुरंत ही नागरिकता से जुड़े सारे अधिकार दे दिए जाएंगे. हालांकि इससे पहले नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने चीन के प्रभाव में आकर इस संशोधन पर अपनी सहमति नहीं जताई थी, लेकिन इस बार नेपाल की राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने इस संशोधन पर अपनी हामी भर दी है.

जिसके बाद से चीन एकदम बौखला गया है, क्योंकि चीन का ऐसा मानना है कि इस संशोधन पर सहमति जताने के बाद तिब्बती शरणार्थियों को नागरिकता समेत अन्य कई अधिकार प्राप्त हो जाएंगे. जिस वजह से चीन ने नेपाल पर इस संशोधन पर सहमति ना जताने के लिए दबाव बनाया हुआ था, लेकिन इसके बावजूद नेपाल के वर्तमान राष्ट्रपति ने संशोधन को खुले तौर पर सहमति दी है.

इसके साथ ही नेपाल के प्रधानमंत्री जो कि इस समय भारत की यात्रा पर हैं, उपरोक्त संशोधन पर सहमति जताने के बाद यह यात्रा काफी ऐतिहासिक मानी जा रही है, जिससे दोनों देशों यानी भारत और नेपाल के मध्य रिश्तो में काफी नजदीकियां देखी जा सकती हैं.