NTA ने किया ग्रेस मार्क्स हटाने का फैसला, छात्रों के विरोध के बाद लिया यूटर्न

NEET रिजल्ट आने के बाद से ही छात्रों में नाराजगी साफ दिखाई दे रही थी. छात्र अपने-अपने तरीके से प्रोटेस्ट कर रहे थे. वह नीट की तैयारी कराने वाले कोचिंग इंस्टिट्यूट के बाहर जाकर भी टीचर से रिजल्ट में हुई धांधली के बारे में शिकायत कर रहे थे. सोशल मीडिया पर NEET रिजल्ट में हुई धांधली को लेकर एक के बाद एक पोस्ट शेयर किए जा रहे थे. इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी अपना रिएक्शन दिया. साथ ही इसे सुप्रीम कोर्ट भी ले जाया गया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान NTA को अपना डिसीजन चेंज करना पड़ा.

बता दें कि नीट रिजल्ट स्कैम को लेकर फाइल की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं उनके सामने दोबारा एग्जाम देने का ऑप्शन है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से मना कर दिया है. इसके लिए उसने एक नोटिस जारी कर दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है. छात्रों के निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी हुई हैं. जान लें कि नीट यूजी मामले की सुनवाई जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच कर रही है.

NTA ने कहा कि स्टूडेंटस का डर दूर करने के लिए यह फैसला लिया जा रहा है. नीट यूजी एग्जाम में जिन कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स से पास किया गया है वो दोबारा एग्जाम दे सकते हैं. इस रीएग्जाम का रिजल्ट 23 जून को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा. इसके बाद ही काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होगा. जो बच्चे एग्जाम नहीं देना चाहते उन्हें बिना ग्रेस मार्क्स के साथ काउंसलिंग में जाना होगा.

दरअसल, नीट रिजल्ट स्कैम को लेकर तीन याचिकाएं दाखिल की गई थी. जिसमें से एक याचिका फिजिक्सवाला के सीईओ अलख पांडे ने फाइल की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि एनटीए का ग्रेस मार्क्स देने का रवैया मनमाना था. बताया जा रहा है कि अलख पांडे ने बीस हजार स्टूडेंट का रिप्रेजेंटेटिव बनकर याचिका दाखिल की थी. इस एग्जाम में 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे.