Pitra Dosh से जीवन होता है नर्क, ये 5 संकेत दिखें तो करें उपाय

Pitra Dosh Upay: पितृ दोष को ज्योतिष शास्त्र में बेहद खतरनाक माना गया है. दरअसल इस दोष से प्रभावित व्यक्ति का जीवन नर्क के समान हो जाता है. घर-परिवार में अशांति, आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य संबंधी समस्या, काम में रुकावट और संतान संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पौराणिक मान्यता है पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज अपने वंशजों को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर कुछ समय के लिए पधारते हैं. इस दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति के श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. मान्यता है कि इस दौरान पितरों के निमित्त दान करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं. आइए जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे संकेत हैं तो पितृ दोष की ओर इशारा करते हैं और इससे मुक्ति के लिए क्या करना चाहिए.

घर में बेवजह कलह

मान्यता है कि जब हमाने पितर नाराज हो जाते हैं तो घर में अशांति और कलह होता रहता है. जो कि इस बात का संकेत देता है कि घर में पितृ दोष है. ऐसे में कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे कि पितर नाराज हो जाएं. इसके साथ ही पितृ दोष से मुक्ति के लिए रोजाना पितृ देव को जल अर्पित करना चाहिए और उनके निमित्त दान करना चाहिए.

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं

घर में पितृ दोष होने पर परिवार से सदस्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से हमेशा परेशान रहते हैं. वहीं घर की तरक्की रुक जाती है और आर्थिक समस्या चारों ओर से घेर लेती है. इसे पितृ दोष का बड़ा लक्षण माना जाता है. ऐसे में पितृ दोष का निवारण करवाना चाहिए, जिससे कि पितर देव खुश हो सकें.

कार्य में रुकावट

कार्य में रुकावट भी एक प्रकार से पितृ दोष का लक्षण माना जाता है. यदि आपका कोई बनता हुआ काम बिगड़ रहा है तो यह पितृदोष का लक्षण है.दरअसल ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि जीवन में पितृदोष होने पर काम में रूकावट आती है. इस दौरान बनते हुए काम आचनक बिगड़ जाते हैं और निराशा हाथ लगती है. ऐसे में पितर को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन दान करना अच्छा रहता है.

संतान से जुड़ी समस्या

धर्म शास्त्र के जानकारों का रहना है कि पितृदोष होने पर परिवार में संतान संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. ऐसे में अगर आपके परिवार में भी किसी को संतान नहीं हो रही है तो यह पितृदोष के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में आपको बिना देर किए पितरों को प्रसन्न करने के उपाय करने चाहिए. साथ ही पितृ पक्ष के दौरान पितरों के निमित्त गया में पिंडदान और तर्पण करना अच्छा रहेगा.