वह बाबा जिसके समागम को सुनने के लिए हजारों भक्तों की भीड़ जमा हुई और जिसके समागम के दौरान 121 लोगों की मौत हुई. उसके आश्रम के बाहर एक के बाद एक लाशों के ढेर बिछ गए लेकिन बाबा अपने भक्तों को देखने तक नहीं आया कि वह किस हाल में है. उस बाबा पर अभी तक किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है. सभी पॉलिटिकल पार्टियों मरने वालों और घायलों के लिए मुआवजे की मांग तो कर रही हैं लेकिन कोई भी बाबा की गिरफ्तारी को लेकर कुछ बोल क्यों नहीं रहा. आखिर क्या कारण है कि सभी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी साधे हुए हैं.
हाथरस हादसे के बाद राहुल गांधी ने सबसे पहले हाथरस और उसके बाद अलीगढ़ का दौरा किया. मृतक और घायलों के परिवार वालों से मिलकर राहुल गांधी ने उन्हें सांत्वना बधाई और कहा कि यह बड़ी दुख की बात है. बहुत से परिवारों को नुकसान हुआ है और काफी ज्यादा मौतें हो गई हैं. प्रशासन से इस मामले में कुछ गलती तो जरूर हुई है. उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से गुजारिश की कि मृतक और घायलों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए. राहुल गांधी ने मृतक के परिवारों के लिए मुआवजा और उन्हें सांत्वना तो बंधा दी लेकिन बाबा नारायण साकार विश्व हरि के बारे में कुछ नहीं कहा. राहुल गांधी ने यह तक नहीं पूछा कि अब तक उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? उन पर FIR लिखी गई है या फिर नहीं?
यह एक सबसे बड़ा प्रश्न है कि हाथरस हादसे में 121 लोगों की मौत हुई लेकिन पॉलिटिकल पार्टियों अभी तक मौन है. घटना का जायजा लेने आए राहुल गांधी ने भी बाबा की गिरफ्तारी को लेकर कोई बात नहीं की. सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही नहीं ना तो बीजेपी, ना समाजवादी पार्टी, ना बसपा ना ही दूसरी पॉलिटिकल पार्टियों ने बाबा के गिरफ्तारी को लेकर किसी भी तरह का कोई बयान दिया.
हर मुद्दे पर अपनी सोच को अलग रखने वाली पॉलिटिकल पार्टियों इस मुद्दे पर एक सी सोच क्यों बनाए हुए हैं. क्या वह वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं. सभी पार्टियों दलित वोटर को नाराज नहीं करना चाहती इसलिए बीजेपी बाबा के साथ समाजवादी पार्टी का रिलेशन निकल रही है. वहीं समाजवादी पार्टी इस मामले में भाजपा को दोषी मान रही है.