Rahul Gandhi statement: कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी सरकार के खिलाफ अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते है. एक बार फिर राहुल गाँधी ने ताजा बयान जारी किया है. उन्होंने नेहरू मेमोरियल के नाम को बदलने को लेकर कहा है कि नेहरू जी की पहचान उनके नाम से नहीं, काम से की जाती है. आपको बता दें कि सरकार ने नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर दिया है.
कांग्रेस के नेताओं का तीखा वार
Rahul Gandhi statement: राहुल गाँधी के बयान का समर्थन करते हुए कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने बयान दिया है कि यह नाम इसलिए नहीं बदला है कि दूसरे प्रधानमंत्रियों का काम दिखाना चाहते है,असल में तो वह नेहरू का नाम दबाना चाहते हैं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार शानदार प्रधानमंत्री निवास बना रहे है तो शानदार प्रधानमंत्री संग्रहालय भी बना सकते थे. हर किसी इंसान का कहना है कि नेहरू मेमोरियल फंड बहुत अच्छा काम करता था. काल्पनिक कहानियों से सरकार इतिहास नहीं बदल सकती है. वहीं 17 सालो में नेहरू जी ने जितने भी कार्य किये है उसकी व्यापकता बाकी के प्रधानमंत्रियों की तुलना में देखने को नहीं मिलती इसीलिए ये बहुत होशियारी के साथ किया गया है. बता दें कि नेहरूजी की जितनी भी क्रांतिकारी उपलब्धियां है वो इस संग्रहालय में दिखती ही नहीं है.
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15 अगस्त को की थी घोषणा
Rahul Gandhi statement: दरअसल 15 अगस्त को औपचारिक रूप से केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल का नाम बदल कर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर दिया है. वहीं मोदी सरकार के इस फैसले से विपक्ष कांग्रेस पार्टी बुरी तरह से गुस्सा हो रखी है. मोदी सरकार के इस फैसले को कांग्रेस नेता पंडित जवाहर लाल नेहरू की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रहे है. साथ ही सरकार भी अपने बचाव में अपनी ओर से दलील पेश कर रही है.
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी कहा कि मोदी को भय,कठिनाई और असुरक्षा को मन में बिठा रखा है. साथ ही बीजेपी पर वार करते हुए कहा कि उनका एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को बदनाम करने का है.