लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मणिपुर दौरे पर थे. मणिपुर की स्थिति को लेकर राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज भी मणिपुर की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर का दौरा करके वहां के लोगों से मुलाकात करनी चाहिए उनकी परेशानियां सुननी चाहिए और वहां की स्थिति में सुधार की कोशिश करनी चाहिए. प्रधानमंत्री वहां के लोगों से शांति की अपील करें.
राहुल ने कहा कि आज भी मणिपुर दो हिस्सों में बटा हुआ है. उन्होंने कहा कि इंडि गठबंधन की पार्टियां संसद में अपनी पूरी शक्ति के साथ मणिपुर के मुद्दे को उठाएंगी और सरकार पर मणिपुर की समस्या को खत्म करने का दबाव बनाएंगी. राहुल ने हिंसा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया और वहां के लोगों से मुलाकात की राहुल ने अपने एक्स अकाउंट से एक वीडियो भी शेयर किया है जो काफी ज्यादा वायरल हो रहा है.
जिसमें वहां के लोग अपनी तकलीफों को राहुल गांधी के साथ शेयर करते हुए दिखाई दे रहे हैं राहुल गांधी ने उन लोगों से कहा कि 22 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में वह इस मुद्दे को उठाएंगे और उनकी तकलीफों को काम करने के लिए देश के प्रधानमंत्री से गुजारिश करेंगे. राहुल अपने वीडियो में कह रहे हैं कि मैं 1 साल पहले आया था और फिर आया हूं लेकिन दुख की बात है कि वह इंप्रूवमेंट नहीं हुआ जो होना चाहिए था.
राहुल ने अपने एक अकाउंट में लिखा कि “मणिपुर में हिंसा शुरू होने के बाद, मैं तीसरी बार यहां आ चुका हूं, मगर अफसोस स्थिति में कोई सुधार नहीं है – आज भी प्रदेश दो टुकड़ों में बंटा हुआ है.
घर जल रहे हैं, मासूम ज़िंदगियां खतरे में हैं और हज़ारों परिवार relief camp में जीवन काटने पर मजबूर हैं.
प्रधानमंत्री को मणिपुर खुद आ कर प्रदेशवासियों की तकलीफ़ सुनते हुए शांति की अपील करनी चाहिए.
कांग्रेस पार्टी और INDIA मणिपुर में शांति की ज़रूरत को संसद में पूरी शक्ति के साथ उठाकर, सरकार पर इस त्रासदी को खत्म करने का दबाव बनाएंगे.’
मणिपुर में बीते एक साल से ही हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. मामला मैतेई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच शुरू हुआ जहां मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध किया गया जिसमें तीन मई 2024 को पर्वतीय जिलों के लोगों ने ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन किया जिसमें कुकी समुदाय के साथ उनकी झड़पें शुरू हुई थीं
तब से अब तक राज्य में कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों लोग अपना घर छोड़कर कहीं और चले गए.