राहुल गांधी ने उठाया रेलवे मुद्दा,रेल मंत्री की लग गई

नेता प्रतिपक्ष बने राहुल गांधी अभी हाल ने अभी हाल ही में लोको पायलट के साथ मुलाकात की इसके बाद उन्होंने लोको पायलट की स्थिति को लेकर कई गंभीर आरोप भी लगे राहुल गांधी से लोको पायलट के साथ मिलने का मुद्दा एक कंट्रोवर्शियल मुद्दा बन गया वहीं अब इस मुद्दे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान आया है रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राहुल गांधी के द्वारा लोको पायलट की स्थिति को लेकर लगाए गए सभी बयानों को सिरे से नकार दिया है.

उन्होंने पब्लिक के सामने कई फैक्ट्स रखें जिसमें उन्होंने बताया कि बीते 10 सालों में लोको पायलट और रनिंग स्टाफ को लेकर हमारी सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जिससे उनकी परिस्थितियों में काफी ज्यादा सुधार आया है. रेल मंत्री ने अपने एक्स अकाउंट से पोस्ट कर के बताया कि 34000 रनिंग स्टाफ की भर्ती की जा चुकी है वहीं 18000 रनिंग स्टाफ को जोड़ने की तैयारी की जा रही है.

उन्होंने लिखा कि “लोको पायलट रेलवे परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य हैं. चूंकि विपक्ष द्वारा हमारे लोको पायलटों को डिसकैरेज करने के लिए बहुत सारी गलत सूचनाएं और नाटकबाजी की जा रही है, इसलिए मैं चीजों को बिल्कुल स्पष्ट कर दूं;

कामकाजी परिस्थितियों में सुधार;
लोको पायलटों की ड्यूटी घंटों की निगरानी की जाती है. यात्राओं के बाद आराम करने के लिए रूम दिए जाते है. एवरेज ड्यूटी के घंटे निर्धारित घंटों के भीतर बनाए रखे जाते हैं. इस साल जून में लोको पायलट की ड्यूटी 8 घंटे से भी कम रखी गई है. केवल अत्यावश्यक परिस्थितियों में ही यात्रा की अवधि निर्धारित घंटों से अधिक होती है.

पायलट लोको कैब से इंजन चलाते हैं. 2014 से पहले कैब की हालत बहुत ख़राब थी. 2014 के बाद से, एर्गोनोमिक सीटों के साथ कैब में सुधार किया गया है, और 7,000 से अधिक लोको कैब में AC लगाया गया. नये लोकोमोटिव का निर्माण एसी कैब से किया जाता है.

ऑफ-ड्यूटी विश्राम सुविधा;
जब पायलट एक यात्रा पूरी करते हैं, तो मुख्यालय से बाहर होने पर वे आराम के लिए रनिंग रूम में आते हैं.

2014 से पहले रनिंग रूम की हालत बहुत ख़राब थी. लगभग सभी 558 रनिंग रूम में अब AC लगा हुआ हैं.
कई रनिंग रूम में फुट मसाजर भी उपलब्ध कराए जाते हैं. लोको पायलटों की कार्य स्थितियों को समझे बिना कांग्रेस पार्टी ने इसकी आलोचना की.

भर्ती;
पिछले कुछ सालों में, बड़ी भर्ती प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है और 34,000 रनिंग स्टाफ की भर्ती की गई है. वहीं 18,000 रनिंग स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

फर्जी खबरों से रेल परिवार को डिसकैरेज करने की कोशिश पूरी नहीं होगी. पूरा रेल परिवार हमारे देश की सेवा में एकजुट है.