जानिए रक्षाबंधन की 4 पौराणिक कहानियां

Rakshabandhan | सनातन धर्म में कई ऐसे त्यौहार है जिनकी अपनी अलग पौराणिक मान्यताएं हैं अलग पौराणिक कहानियां है. उनमें से एक है रक्षाबंधन का त्यौहार. यह त्यौहार बहन और भाइयों के लिए बेहद खास होता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधती हैं और उनकी सलामती की दुआ मांगती है. वहीं भाई भी अपने बहन की रक्षा का वचन देता है. यह त्यौहार सनातन धर्म में बेहद खास है. सनातन धर्म में ही नहीं अन्य धर्मो में भी इस त्यौहार को कुछ लोगों द्वारा मनाया जाता है. इस साल रक्षाबंधन का त्यौहार 30 और 31 अगस्त को मनाया जाएगा.

आज हम भाई बहन के इस पावन त्यौहार की कई अलग-अलग पौराणिक कहानियां आपको बताते हैं. आईए जानते हैं कि किस तरह से इस त्यौहार की शुरुआत हुई. किसने सबसे पहले इस त्यौहार को मनाया.

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Rakshabandhan | कृष्ण और द्रौपदी

पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग में शिशुपाल का वध करने के बाद जब श्री कृष्ण की कलाई में चोट लग गई और उनके हाथ से खून बहने लगा तो यह देखकर द्रौपदी को बहुत ज्यादा कष्ट हुआ और उन्होंने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर श्री कृष्ण की कलाई पर बांध दिया. इसके बाद श्री कृष्ण ने द्रोपदी की जीवन भर रक्षा करने का वचन दिया. ये भी एक कारण था कि जब दुर्योधन ने जब द्रौपदी की साड़ी खींची थी तो श्री कृष्ण ने इसी वचन के चलते द्रोपदी का चीर बढ़ाया था.

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Rakshabandhan | रानी कर्णावती और हुमायूं की कहानी

अपने पति राणा सांगा की मृत्यु के बाद मेवाड़ की महारानी कर्णावती के राज्य पर गुजरात के बहादुर शाह ने दूसरी बार आक्रमण किया था. जिससे परेशान होकर उन्होंने मदद के लिए हुमायूं के पास राखी भेजी. यह देखकर हुमायूं काफी ज्यादा भावुक हुआ. लेकिन उस समय वह एक युद्ध के बीच में था जिससे वह खुद रानी की मदद नहीं कर सका. लेकिन उनकी रक्षा के लिए उसने कुछ सेना की टुकड़ी भेज दी थी.

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Rakshabandhan | राजा बलि और लक्ष्मी माता की कहानी

जब राजा बलि से भगवान विष्णु ने अपने वामन अवतार में तीन लोकों को (तीन पग धरती) को मांग लिया था. तब राजा बलि के प्रार्थना करने पर भगवान विष्णु उनके साथ पाताल लोक में रहने चले गए. भगवान विष्णु की जुदाई माता लक्ष्मी से ना सही गई. वह पाताल लोक में एक गरीब महिला के वेश में राजा बलि को राखी बांधने के लिए चली गई और उन्होंने राजा बलि से इसके बदले में भगवान विष्णु को अपने साथ स्वर्ग लोक ले जाने का उपहार मांगा.

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Rakshabandhan | युधिष्ठिर ने सैनिकों को बांधी राखी

इनमें से एक कहानी महाभारत से भी जुड़ी हुई है. जिसमें श्री कृष्ण के कहने पर युधिष्ठिर ने अपने सभी सैनिकों को राखी बांधी और उनकी रक्षा का वचन दिया. जिसकी वजह से युद्ध में पांडवों की जीत हुई.

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