Medical Colleges Recognition: पूरे भारत में 38 मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई है साथ ही कमियों को सुधार करने के लिए देश के टॉप मेडिकल रेगुलेटर से अन्य 100 से अधिक को नोटिस प्राप्त हुए हैं. कॉलेजों में बायोमेट्रिक सिस्टम पर अटेंडेन्स नहीं लगाने वाले कर्मचारियों से संबंधित मुद्दों के लिए कॉलेजों की खिंचाई की गई है. स्टाफ और डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे संस्थानों पर नए कैमरा, बायोमेट्रिक और हेल्थ मैनेजमेंट बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम लागू नहीं कर पाना शामिल है.
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के एक अधिकारी ने कहा कि संख्या बदलती रहेगी क्योंकि अगले 2 महीनों में ज्यादा सुनवाई और अपील की जाएगी. मौजूदा MBBS बैच के लिए काउंसलिंग जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है. NEET का आयोजन मई के पहले सप्ताह में किया गया था. अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि, ‘अगर कोई कॉलेज कमियों को दूर करने में असमर्थ है, इसका असर केवल करंट ईयर में एडमिशन पर पड़ेगा. पहले से नामांकित छात्र प्रभावित नहीं होंगें.’
आपको बता दें कि चेन्नई के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेजों में से एक स्टेनली मेडिकल कॉलेज और राज्य के कुछ अन्य द्वारा मान्यता खो देने के बाद यह मामला सामने आया है. यह चल रहे अभ्यास का हिस्सा है. एनएमसी के अन्य अधिकारी ने कहा कि कॉलेजों का हर साल नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता है कि वे मानदंडों का पालन कर रहे हैं या नहीं.
अधिकारी का कहना है कि जब कॉलेजों में गंभीर कमियां नहीं होंगी, जैसे बुनियादी ढांचे की कमी या फैकल्टी की भारी कमी, उन्हें मौजूदा सत्र के लिये फिर से मान्यता मिलने की संभावना है.
सबसे पहले अधिकारी ने यह कहा कि जिन कॉलेजों की मान्यता रद्द हुई है, या जिनको नोटिस भेजे गए हैं, उनमें बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम थी, लेकिन कर्मचारियों ने कोविड-19 के बाद हर दिन अटेंडेंस लगाना शुरू नहीं किया था.
इन कॉलेजों की मान्यता हुई रद्द
स्टेनली मेडिकल कॉलेज, चेन्नई
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, धर्मपुरी
केएपी विश्वनाथम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, त्रिची
असम मेडिकल कॉलेज, डिब्रूगढ़
गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, गुवाहाटी
फखरुद्दीन अली अहमद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (FAAMC), बारपेटा (असम)
इसके अलावा पुडुचेरी का इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अनुसंधान संस्थान (IGMC और RI) भी इस लिस्ट में शामिल हैं.