Retail Inflation Data CPI: खुदरा महंगाई दर में एक बार फिर से गिरावट आई है. मई महीने में, खुदरा महंगाई दर में 4.25 फीसदी की कटौती हुई है, जो अप्रैल में 4.70 फीसदी थी. यह चौथा लगातार महीना है जब खुदरा महंगाई दर में गिरावट आई है. पिछले वर्ष, मई 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसदी थी. खाद्य महंगाई दर में भी एक महत्वपूर्ण गिरावट हुई है और यह 3 फीसदी से नीचे चली गई है. मई में, खाद्य महंगाई दर में 2.91 फीसदी की कटौती हुई है, जो अप्रैल 2023 में 3.84 फीसदी थी. यद्यपि, मई 2022 में खाद्य महंगाई दर 7.97 थी.
दूध की महंगाई से फिलहाल राहत नहीं!
मई महीने में हालांकि खुदरा महंगाई दर में कमी हुई, लेकिन दूध और इससे संबंधित उत्पादों की कीमतें अभी भी 8.91 फीसदी पर बनी हुई हैं. अप्रैल 2023 के मुकाबले, दूध की महंगाई में बढ़ोतरी आई है. अप्रैल में दूध और उससे संबंधित उत्पादों की महंगाई दर 8.85 फीसदी रही थी. अनाज और इससे संबंधित उत्पादों की महंगाई दर 12.65 फीसदी है, जो अप्रैल में 13.67 फीसदी रही थी. मसालों की महंगाई 17.90 फीसदी पर पहुंच गई है, जो अप्रैल में 17.43 फीसदी थी. दाल की महंगाई 6.56 फीसदी रही है, जो अप्रैल में 5.28 फीसदी थी.
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खाने के तेल की महंगाई से राहत
हालांकि, इस अवधि में ऑयल एंड फैट्स की महंगाई दर -16.01 फीसदी रही है. साग-सब्जियों की महंगाई दर -8.18 फीसदी, मीट और मछली की महंगाई दर -1.29 फीसदी, चीनी की महंगाई दर 2.51 फीसदी रही है.
महंगे कर्ज से राहत !
खुदरा महंगाई दर में कमी से सबसे ज्यादा राहत उन लोगों को मिल सकती है जो महंगी ईएमआई से परेशान हैं. आने वाले दिनों में सस्ते कर्ज की उम्मीद बढ़ने लगी है. आरबीआई ने 2023-24 वित्त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई दर 5.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जबकि अप्रैल से जून तिमाही में 4.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. लेकिन मई में खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी के करीब आ पहुंची है और यह सिलसिला जारी रहा तो अगस्त 2023 में जब आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होगी, तो उसमें राहत की उम्मीद की जा सकती है.