भारतीय शादियों में क्यों नहीं बनते समोसे

Samosa | भारतीय शादियां जिसमें एक से बढ़कर एक फंक्शंस होते हैं और उन फंक्शंस में एक से बढ़कर एक व्यंजन भी बनते हैं लेकिन उन शादियों के किसी भी फंक्शन में समोसे नहीं बनते. चाहे शादी का कोई फंक्शन हो या फिर मेन शादी का दिन ही क्यों ना हो. कोई भी व्यक्ति अपने यहां शादियों में समोसे नहीं बनवाता. लेकिन इसका कारण पूछा जाए तो किसी को नहीं पता. लेकिन इसका एक बहुत फनी सा कारण है जिसे सुनकर आपको आ जाएगी हंसी.

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Samosa | शादियों में होती हैं तरह-तरह की परंपराएं

भारतीय कल्चर में होने वाली शादियों में तरह-तरह की परंपराएं होती हैं और अपने कल्चर के अनुसार सभी उन परंपराओं का पालन भी करते हैं. शादियों के पहले ही उस शादी में क्या खिलाया जाना है इसका मेन्यू पहले से ही डिसाइड कर लिया जाता है. लेकिन कोई भी शादी के खाने में समोसा मेन्यू में नहीं रखता. शादी के मेन्यू में आपको गोलगप्पा, आलू टिक्की, चाऊमीन, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, शुगर कैंडी, पॉपकॉर्न, डोसा के साथ और भी कई तरह के स्टाटर मिल जाएंगे. लेकिन इन स्टाटर में समोसा चटनी गायब होता है. जबकि यह सभी इंडियन फैमिलीज को काफी पसंद होता है. हर छोटा फंक्शन इसके बिना अधूरा दिखता है.

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Samosa | थाली में मिसिंग होता है समोसा

लेकिन इतने बड़े फंक्शन में लोग इसे भूल जाते है ऐसा क्यों. आखिर किस वजह से समोसा शादी की थाली में मिसिंग होता है. तो आपकों बता दें कि समोसा दिन के नाश्ते में, इवनिंग स्नैक्स के रूप में खाया जाता है और शादियां रात के समय होती है और भारतीय परंपरा के अनुसार रात का समय भोजन के लिए उपयुक्त होता है. और डिनर के वक्त समोसा थाली में शोभा नहीं देता जिसके कारण शादी के मेन्यू में समोसा को जगह नहीं दी जाती.

बात करें समोसे के इतिहास की तो समोसा का इतिहास बहुत पुराना है. यह भारत से लंबी दूरी तय करता हुआ ईरान से भारत आया. यह पहले से भारतीय परंपरा का हिस्सा नहीं था लेकिन बाद में इसे भारतीय परंपरा ने अपने व्यंजनों के तौर पर ही अपना लिया.

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