मणिपुर पर जवाब मांगते-मांगते सस्पेंड तक हो गए संजय सिंह, पर संसद में जवाब देने नहीं आए PM मोदी

Sanjay Singh Suspended: संसद में मानसून सत्र चल रहा है. सत्र के शुरू होते ही पूरा विपक्ष मणिपुर को लेकर जहां केंद्र सरकार पर धाबा बोल रहा है तो वहीं केंद्र सरकार पूरे मामले को UCC के तरफ मोड़ने की फिराक में है. इस सब के बीच आम आदमी पार्टी के फायर ब्रांड नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र से निलंबित कर दिया गया है. संजय सिंह की मांग थी कि प्रधानमंत्री मोदी संसद में आकर मणिपुर पर जवाब दें लेकिन ऐसा तो नहीं हुआ पर उन्हें पूरे सत्र से सस्पेंड कर दिया गया.

Sanjay Singh Suspended | इस वजह से संजय सिंह हुए निलंबित

मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर आज विपक्ष ही नहीं बल्कि पूरा देश, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से जवाब चाहता है. इसी को लेकर विपक्ष की पार्टियां मानसून सत्र में प्रधानमंत्री मोदी को इस मुद्दे पर बहस का न्योता दे रही हैं, लेकिन फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से पूरी तरह से बच रहे हैं. बीजेपी की तरफ से अमित शाह ने कहा है कि वो सारे सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं. वहीं, दूसरी ओर जब इसी बात को लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मानसून सत्र में सवाल पूछा तो उन्हें सभापति जगदीप धनखड़ ने पूरे सत्र से ही निलंबित कर दिया.

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Sanjay Singh Suspended | धरने पर बैठे विपक्षी सांसद

फिलहाल निलंबित सांसद संजय सिंह संसद परिसर में स्थापित महात्मा गांधी के मूर्ति के पास धरने पे बैठे हैं. विपक्षी एकता का उदाहरण देते हुए सोमवार दोपहर और रात को उनका साथ देने कई अन्य विपक्षी सांसद भी पहुंचे. इनमें कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन, इमरान प्रतापगढ़ी, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस सांसद सुष्मिता देब और अन्य का नाम शामिल है.

मणिपुर हिंसा पर पीएम की चुप्पी का क्या है संदेश

इन सब के बीच प्रधामंत्री मोदी का मणिपुर जैसे मामले पर चुप्पी साधे रहना विपक्ष के लिए बड़ा मौका साबित हो सकता है. इसी के साथ ये सवाल भी उठता है कि आखिर डबल इंजन की सरकार, जिसके पास राज्य की पुलिस और सेना के जवान दोनों हैं, वो दो महीने से जारी इस अमानवीय हिंसा को रोकने में नाकाम कैसे रही. मणिपुर जैसे बॉर्डर के राज्य का इतने दिन का हिंसाग्रस्त होना और सरकार का कुछ ना कर पाना सरकार की नाकामी का उदाहरण है.

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