SCO वर्चुअल बैठक में सख्त नजर आए PM मोदी, पाकिस्तान को दिखाया आइना

SCO Summit 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यानि मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ सहित अन्य सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। पिछले सप्ताह मॉस्को को हिलाकर रख देने वाले अल्पकालिक सशस्त्र विद्रोह के बाद एक बहुपक्षीय शिखर सम्मेलन में पुतिन की यह पहली भागीदारी होगी। भारत की अध्यक्षता में एससीओ का शिखर सम्मेलन, समूह के नए स्थायी सदस्य के रुप में ईरान का स्वागत करने के लिए भी तैयार है।

बैठक में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन के वर्चुअल शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। इस बीच बैठक में नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर के तमाम बड़े नेताओं के सामने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब किया। पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ देश बॉर्डर टेररिज्म को अपनी नीतियों के रुप में इस्तेमाल करते हैं। आतंकवादियों को पनाह देते हैं। पीएम ने कहा कि आतंकवाद क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए लगातार खतरा बना हुआ है। आतंकवाद किसी भी रुप में हो, हमे उसके खिलाफ मिलकर लड़ाई करनी होगी। SCO को ऐसे देशों की आलोचना में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। इस वर्चुअल बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ समेत एससीओ देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी मौजूद थे।

अफगानिस्तान पर क्या बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अफगानिस्तान को लेकर बड़ी बात कही उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का गलत उपयोग न हो। पीएम मोदी ने कहा कि भारत- अफगानिस्तान के लोगों के बीच‌ बहुत पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। पिछले दो दशकों में हमने अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए योगदान दिया है। 2021 के बाद भी हम मानवीय सहायता भेजते रहे हैं। मोदी ने कहा कि यह आवश्यक है कि अफगानिस्तान की भूमि पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने या कट्टर विचारधाराओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयोग न की जाए।
इसके बाद मोदी ने कहा कि हमें मिलकर यह विचार करना चाहिए कि क्या हम एक संगठन के रूप में हमारे लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में समर्थ हैं? क्या हम आधुनिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं? क्या SCO ऐसा संगठन बन रहा है जो भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार हो?

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बैठक में किन मुद्दों‌ को लेकर हुई चर्चा?

एससीओ वर्चुअल बैठक में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष, और एससीओ सदस्य देशों के बीच सहयोग, संपर्क और व्यापार बढ़ाने पर चर्चा हुई। वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर भी चर्चा की गई इसके साथ ही एससीओ के सदस्य देशों ने नए सदस्य देश ईरान का भी स्वागत किया इस पर पीएम मोदी ने कहा मुझे खुशी कि ईरान एससीओ परिवार में नए सदस्य के रूप में शामिल होने जा रहा है। पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले दो दशकों में, एससीओ क्षेत्र की शांति, समृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है। हम इस क्षेत्र को न केवल एक विस्तारित पड़ोस के रुप में बल्कि एक विस्तारित परिवार के रुप में भी देखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एससीओ के अध्यक्ष के रुप में भारत ने हमारे बहुआयामी सहयोग को नई उचाईयों तक ले जाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। इन सभी प्रयासों को हमने दो सिद्धान्तों पर आधारित किया है। पहला “वसुधैव कुटुंबकम” जिसका मतलब है पूरा विश्व एक परिवार है। ये सिद्धांत प्राचीन समय से हमारे सामाजिक आचरण का अभिन्न अंग रहा है और आधुनिक समय में ये हमारी प्रेरणा और ऊर्जा का स्त्रोत है। दूसरा सुरक्षा, आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और पर्यावरण संरक्षण।

भारत के लिए बैठक अहम क्यों

अब बात करतें हैं कि भारत के लिए यह बैठक अहम क्यों है,रैंड कॉर्पोरेशन के इंडो पैसिफिक विश्लेषक डेरेक ग्रॉसमैन ने कहा भारत इस प्रकार की विदेश नीति में गौरवान्वित होता है जहाँ वह एक ही समय में सभी के साथ समान व्यवहार करता है। यह भारत के लिए मध्य एशिया के साथ गहराई से जुड़ने का एक मंच रहा है। भारत ने शिखर सम्मेलन में अपने हितों को सुरक्षित करने की बात कही। इसने सीमा पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने पर जोर दिया जिसका इशारा पाकिस्तान की ओर था। क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर भी जोर दिया गया जिसका इशारा चीन की ओर रहा। भारत और चीन के बीच तीन साल से गतिरोध चल रहा है, जिसमें पूर्वी लद्दाख़ क्षेत्र में सीमा पर हजारों सैनिक तैनात हैं।

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