पीएम मोदी पहुंचे बाबा विश्वनाथ के दरबार, संन्यासी रामजनम के हुए मुरीद

तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. जहां पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए. बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद पाने के बाद मोदी दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती में भी शामिल हुए. इस मौके पर पीएम मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती में सबसे ज्यादा लाइमलाइट उस सदस्य ने बटोरी जिसने गंगा आरती के दौरान 2 मिनट 40 सेकंड तक लगातार शंखनाद किया. 2 मिनट 40 सेकंड तक होने वाली शंख की ध्वनि ने सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया और अपनी ओर आकर्षित किया. वह व्यक्ति भगवा वस्त्र धारण किए एक योगी जैसा लग रहा था.

उस संन्यासी ने जैसे ही शंख बजाना शुरू किया वैसे ही वह काफी लंबे समय तक रुका ही नहीं. 2 मिनट 40 सेकंड तक सांस रोक कर उसने शंख बजाया. उस भगवा वस्त्र धारण किए हुए सन्यासी के बारे में सभी लोगों को जानने की बड़ी इच्छा हुई. लोग उसके चेहरे के तेज को देखकर काफी ज्यादा अचंभित हो गए. सबके मन में बस एक ही सवाल चलने लगा कि आखिर कौन है यह भगवा वस्त्र धारण किए हुए सन्यासी व्यक्ति? उसके बारे में पता करने पर जानकारी मिली कि उस व्यक्ति का नाम रामजनम है. रामजनम की शंखनाद के दीवाने पीएम मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा भी कई लोग हैं. रामजनम का 2 मिनट 40 सेकंड शंखनाद करने का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वैसे ही उनके चाहने वालों की लाइन लग गई.

उनमें से एक है बॉलीवुड के एंग्री यंग मैन कहे जाने में अमिताभ बच्चन जिन्हें रामजनम का यह वीडियो काफी ज्यादा पसंद आया. रामजनम ने अपना शंखनाद खत्म करने के बाद हर हर महादेव का नारा लगाया. उनके इस जज्बे को देखकर पीएम मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी खुशी से फूले नहीं समाए. वहां मौजूद सभी लोगों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया.

वाराणसी के चौबेपुर में रहने वाले सन्यासी रामजनम को अपनी साधना के बल पर इतने लंबे तक सांस रोककर शंख बजाने का महारथ हासिल है. उनके इस टैलेंट को देखकर सभी लोग अचंभित रह जाते हैं. इंटरेस्टिंग बात तो यह है कि रामजनम को आधे घंटे तक बिना सांस तोड़े शंख बजाने की कला बखूबी आती है. बताया जाता है कि 8 साल की उम्र से ही रामजनम ने शंख बजा रहे हैं. उनके घर के बाहर एक हनुमान जी का मंदिर है जहां पर रोज आरती के वक्त वह शंखनाथ करते थे. धीरे-धीरे उन्होंने अपनी सांस पर कंट्रोल किया और आज आधा घंटे तक बिना सांस तोड़े वह शंख बजा सकते हैं.