लोकसभा चुनाव 2024 के बाद संसद के 18वें सत्र की शुरुआत हो चुकी है. संसद के पहले सत्र में काफी हंगामा देखने को मिला कभी डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर तो कभी नीट पेपर लीक मुद्दे को लेकर. संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक झोक चालू है. इसी बीच कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी का एक बयान सामने आया है. सोनिया गांधी ने नीट पेपर लीक मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा.
सोनिया गांधी ने एक मीडिया हाउस के एडिटोरियल में कहां है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे को स्वीकार नहीं कर पाए हैं. एनडीए ने बड़ी मुश्किल से अपनी तीसरी बार सरकार बनाई है. उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री ऐसे काम कर रहे हैं जैसे कुछ बदला ही ना हो. वे आम सहमति के मूल्यों पर सिर्फ उपदेश देते हैं लेकिन टकराव को महत्व देते हैं.”
सोनिया गांधी को एक बार फिर से कांग्रेस संसदीय दल का अध्यक्ष बनाया गया है. उन्होंने अपने एडिटोरियल में आगे कहा कि वर्षों से चल रही परंपरा के अनुसार विपक्ष को लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष से यह अनुरोध बिल्कुल उचित तरीके से किया गया था लेकिन उन्होंने हमारी इस मांग को खारिज कर दिया. 17वीं लोकसभा में भी संसद के उपाध्यक्ष पद को खाली रखा गया. 2019 से लेकर 2024 तक यह पद नहीं भरा गया.
आपातकाल के सवाल पर सोनिया गांधी ने कहा कि संसद में आपातकाल का मुद्दा संविधान पर हमले से ध्यान भटकने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि आश्चर्य है कि लोकसभा स्पीकर ने भी इस मुद्दे को उठाया जबकि उनसे निष्पक्ष होने उम्मीद रखी जाती है.
नीट पेपर लीक मामलें को लेकर सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर धावा बोलते हुए कहा कि इस घोटाले से सैकड़ों स्टूडेंटस का कैरियर अस्त-व्यस्त हो गया है. प्रधानमंत्री परीक्षा पर चर्चा करते हैं लेकिन पेपर लीक पर वह कुछ नहीं बोलते.
सोनिया गांधी ने 2023 में मणिपुर राज्य में हुए हमले में के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि कुकी और मैतई इस समाज के बीच हुए संघर्ष में सैकड़ो लोग मारे गए थे लेकिन प्रधानमंत्री ना तो एक बार भी मणिपुर का दौरा करने गए और ना ही वहां के नेताओं से मिलने का उन्हें समय मिला.