सुधा मूर्ति का राज्यसभा में पहला भाषण, हर कोई हुआ मुरीद

इंफोसिस की मालकिन और लेखक सुधा मूर्ति का राज्यसभा में आज पहला भाषण था. उनका भाषण इतना ज्यादा फेमस हुआ कि उसकी हर तरफ चर्चा होने लगी. जैसे ही यह भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हुआ सभी लोग उनके बोलने के तरीके को सराहने लगे. सभी लोग कहने लगे कि सदन में ऐसे मनोनीत सदस्यों की जरूरत है जो जनता के हित की बात को बड़े ही सलीके से रखते हो. सुधा मूर्ति ने राज्यसभा में सर्वाइकल कैंसर से महिलाओं को बचाने और पर्यटन के मुद्दे को लेकर अपनी बात रखी.

सोशल मीडिया साइट्स पर सुधा मूर्ति के भाषण को जमकर शेयर किया जा रहा है माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर एक यूजर ने तो सांसदों को सुधा मूर्ति से भाषण लिखने की कला की नसीहत तक दे डाली. उसने लिखा कि ‘सदन में कैसे बोला जाता है? कैसे सवाल उठाए जाते हैं? अपने दिमाग का इस्तेमाल देश हित के लिए कैसे किया जाता है? कैसे अपने विजन को सदन के सदस्यों के सामने पेश किया जाता है, यह सब सुधा मूर्ति से सीखने की जरूरत है जिन्होंने पहली बार राज्यसभा में अपना भाषण दिया.’
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में चर्चा हो रही थी. जब सुधा मूर्ति को बोलने का मौका दिया गया तो उन्होंने कहा कि हमारे देश में सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे बचाव के लिए किशोरावस्था में ही टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे समाज की व्यवस्था ऐसी है जिस पर महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती और जब उन्हें अस्पताल जाने का मौका मिलता है तो सर्वाइकल कैंसर उनके तीसरी या चौथी स्टेज पर होता है जहां से उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है.

सुधा मूर्ति ने कहा कि उनके पिता कहते थे कि महिलाएं घर का एक केंद्र होती है. अगर महिलाएं मर जाती हैं तो एक पति को दूसरी पत्नी मिल जाती है लेकिन बच्चों को उनकी माँ नहीं मिल पाती. उन्होंने कहा कि कोविड काल में इतना बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया गया तो फिर सर्वाइकल कैंसर के लिए टीकाकरण अभियान क्यों नहीं चलाया जा सकता? अगर सरकार चाहे तो यह ज्यादा महंगा भी नहीं होगा और महिलाओं को इसका लाभ भी मिल जाएगा.
पर्यटन पर बात करते हुए सुधा मूर्ति ने कहा कि हमारे देश में लोग अगर पर्यटन के लिए आते हैं तो वह अजंता, एलोरा और ताजमहल घूमने जाते हैं लेकिन हमारे देश में 42 पर्यटन स्थल ऐसे हैं जिनके बारे में ना तो देश के लोगों को पता है और ना ही बाहर के लोगों को पता है. हमारी संस्कृति का प्रचार प्रसार होना चाहिए जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.