संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि वह एक बार फिर से अपनी उन मांगों को लेकर किसान आंदोलन करेंगे जिन पर केंद्र सरकार ने अभी तक सुनवाई नहीं की है और उन्हें टाल कर रखा हुआ है. उनकी सभी मांगों में मुख्य मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य कानूनी गारंटी और किसान कर्ज माफी शामिल है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि सरकार ने अगर उनकी मांगों को नजरंदाज किया तो वह एक बार फिर से आंदोलन करेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से गुजारिश की है कि जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा किया जाए जिससे कि किसान राहत की सांस ले सकें. उन्होंने कहा कि हम अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे. यह घोषणा साल 2020-21 में किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के नेता द्वारा की गयी.
एसकेएम के नेता ने कहा कि “एसकेएम के साथ आम सभा में भारत सरकार के कृषि विभाग के सचिव ने हस्ताक्षरित केंद्र सरकार के नौ दिसंबर 2021 के समझौते को लागू करने और किसानों की आजीविका को प्रभावित करने वाली अन्य प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलन फिर से शुरू करने का फैसला किया है.”
एसकेएम ने कहा कि सभी सांसदों को संगठन अपनी मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपेगा और देशभर में अपने मांग पत्र के समर्थन में प्रदर्शन करेगा. उन्होंने कहा कि नौ अगस्त को ‘भारत छोड़ो दिवस’ की जगह ‘कॉरपोरेट भारत छोड़ो दिवस’ के रूप में मनाया जायेगा.