बड़े-बड़े देश के कप्तानों ने की धोनी के टोटके की चोरी, अब कर रहे क्रिकेट वर्ल्ड में राज

अगर रोहित शर्मा भी कर लेते ये टोटका तो ना होती भारत की हार, विराट और रोहित के सपने हो जाते साकार, भारतीय टीम चूम रही होती वर्ल्ड कप

अब धोनी बनेंगे भारत के बैटिंग कोच, कर देंगे अपने अनुभव से विरोधियों को पस्त, जानें किसकी जगह ले रहे धोनी

अब बात क्रिकेट की हो और धोनी का नाम ना आए ऐसा कैसे हो सकता है, क्रिकेट के बादशाह और जादू कहे जाने वाले धोनी लीग की ऐसी कोई ट्रॉफी नहीं रही जो उन्होंने अपने नाम नहीं किया और इसीलिए वो आज तक के सबसे सफल कप्तान में से एक हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि धोनी की सफलता का राज क्या है? क्या आप जानते हैं कि धोनी बिना जिम गए बिना खून पसीना बहाए लीग पर लीग कैसे जीतते चले गए? नहीं ना? तो चलिए हम आपको बताते हैं कि कैसे धोनी एक छोटे से टोटके को लीग मैच के दौरान करके कप अपने नाम करते आये हैं। उनके इस टोटके का खुलासा किया वीरेंद्र सहवाग ने उन्होंने 2011 विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम के तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कुछ दिलचस्प और महत्वपूर्ण बातें सोशल मिडिया के माध्यम से शेयर की। सहवाग ने खुलासा किया कि धोनी ने पूरे विश्व कप टूर्नामेंट के दौरान खिचड़ी ही खाई और जब भारत अपने मैच जीत रहा था, तो उन्होंने इस टोटके का पालन किया। वहीं खुद के टोटके को शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि 2011 विश्व कप में उनकी ये योजना थी कि वो हर मैच में चौके के साथ शुरुआत करें, और उन्होंने ऐसा ही किया। उनका उद्देश्य था कि ऐसा करके वो खिलाड़ियों को तेजी से रन बनाने के लिये प्रेरित करें और टीम को पॉजिटिव जोश में रखें। इस योजना के तहत टीम इंडिया विश्व कप में जीत हासिल करना चाहती थी। वहीं उस समय टीम में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भी शामिल थे और उनके लिए यह टूर्नामेंट महत्वपूर्ण था सहवाग ने बताया कि धोनी ने टूर्नामेंट के अधिकांश मैचों में खिचड़ी खाई और जब भारत अपने मैच जीत रहा था, तो धोनी ने इस टोटके को निभाया और खिचड़ी खाने का सिलसिला जारी रखा। धोनी की खास बात यह थी कि वो सिंगल और चौके के साथ अपने पारी की शुरुआत करने का सोचते थे, जिससे टीम को एक छोर से मजबूती मिलती थी। सहवाग ने बताया कि धोनी जब खुद अच्छे फॉर्म में नहीं थे, तो भी उन्होंने खिचड़ी खाने का टोटका जारी रखा और इससे टीम को जीत मिलती रही। धोनी ने फाइनल मैच में भी अपनी कप्तानी का दम दिखाया। उन्होंने नाबाद 91 रन बनाकर टीम को चैंपियन बनाया। इस पारी ने धोनी को मैच का हीरो बना दिया। सहवाग ने बताया कि कभी-कभी टीम को जीत हासिल करने के लिए आपको अपनी सामर्थ्य और दृढ़ निर्णय पर विश्वास करना होता है। इसके अलावा, सहवाग ने बताया कि हर खिलाड़ी का अपना टोटका था और धोनी भी इससे अलग नहीं थे। धोनी ने अपने टोटके का पालन किया और टीम को जीत मिली। उन्होंने बताया कि क्रिकेट में शक्ति सिर्फ बैट और गेंद में होती है, बल्कि मानसिक स्थिति और नेतृत्व भी महत्वपूर्ण होते हैं।