नहीं थम रहा बेअदबी का सिलसिला, यहां हुआ पोथी साहिब और गुरु साहिब की फोटो का अपमान

एक बार फिर ईशनिंदा की घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी तीनों किताबों को जलाकर फरार हो गया. जिससे ग्रामीणों में विरोध की लहर फैल गई है।मामला बटाला के वडाला ग्रंथियां गांव का है, जहां किसी अज्ञात व्यक्ति ने कुछ गुरु साहिबों की 3 किताबों और तस्वीरों में आग लगा दी और उन्हें सड़क किनारे फेंक दिया, लेकिन लूट बाकी रही .आग पर काबू पा लिया गया और रेस्क्यू किया गया।

बातचीत के दौरान ग्रामीण कर्णबीर सिंह इंदरपाल सिंह बैंस ने कहा कि सुबह 10 बजे किसी मूर्ख जीव द्वारा गुटका साहिब को अपवित्र करने का प्रयास किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह उन लोगों की सोची समझी साजिश है जो लोगों का धर्मांतरण कर यह जघन्य कृत्य कर रहे हैं। हम मांग करते हैं कि ऐसे दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। या 302 दायर करके मृत्युदंड लगाया जाए या ऐसे अभियुक्तों को सिख समुदाय को सौंप दिया जाए ताकि उन्हें तुरंत सुधारा जा सके। वहीं चौकी वडाला ग्रंथियां के प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

दुनिया में एकेले ऐसे ग्रंथ जिन्हे गुरु होने का मान प्राप्त है। पूरी दुनिआ में एकेले ऐसे ग्रंथ है जिन् में सब धर्मो के भक्ंतो ,गुरुओ और पीरों के बाणी दर्ज है। साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी वर्तमान और भविष्य के सिख समाज के गुरु है। साहिब श्री गुरु नानक देव जी अपने पास एक पोथी रखते थे उसमे गुरु जी जो भी बाणी रचते वह लिख लेते। गुरु अंगद देव जी और गुरु अमरदास जी ने एक कदम और आगे लेते हुए गुरु साहिब और भक्तों, फकीरो की बाणी को एकत्र किया। गुरु अमरदास जी के पोते सहसर राम ने पहले तीनो गुरुओ की बाणी को एकत्र कर एक पोथी का निर्माण किया। जिसको मोहन पोथी और गोइंदवाल पोथी भी कहा जाता है। श्री गुरु अर्जन देव जी के पास आते इस संग्रह में 15 भगतो ,11 भट्ट ,3 गुरसिख की बाणी एकत्र हो चुकी थी।