जवानों को पेंशन देने के पैसे नहीं, 540 करोड़ में बनेगा आजादी की लड़ाई का स्मारक

जिस देश में गैस सिलेंडर के दाम हजार रुपये के पार चले जाएं, जिस देश में फौजियों को पेंशन मिलाना मुश्किल हो, वहां कला और प्रदर्शनी और आजादी की लड़ाई के शहीद स्मारक प्रति 550 करोड़ रुपये खर्च करना कितना सही?

‘कला और प्रदर्शनी कार्य’ का काम जुलाई के महीने में होगा शुरू

‘कला और प्रदर्शन कार्य’ में विकास, आपूर्ति, खरीद, एकीकरण, निष्पादन, सॉफ्ट सामग्री, संचालन और रखरखाव सहित 3 वर्षों के लिए प्रदर्शन, स्थापना, लाईटिंग व्यवस्था और डिजिटल उपकरण सहित आंतरिक कार्य शामिल हैं। बता दें कि ‘कला और प्रदर्शनी कार्य’ का काम जुलाई के महीने में शुरू होने की संभावना है और फरवरी, 2024 में पूरा होने की उhariana, hariana news, soldiers memorialम्मीद है।

‘कला और प्रदर्शन कार्य’ के निष्पादन के लिए 175.83 करोड़

सलाहकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार, ‘कला और प्रदर्शन कार्य’ के निष्पादन के लिए सरकार द्वारा 175.83 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। इस कला और प्रदर्शन कार्य के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए बोली दस्तावेज को भी सरकार से अनुमोदित किया गया है और तदनुसार निविदा आमंत्रित की गई है।

स्मारक कार्य दो चरणों में

‘आजादी की पहली लड़ाई के स्मारक’ के निर्माण की परियोजना को हरियाणा सरकार से मंजूरी मिली है, जिसकी कुल परियोजना लागत 539.39 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है जबकि सरकार द्वारा 437.90 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले दी जा चुकी है। इस परियोजना को दो चरणों में क्रियान्वित किया जाना है जिसके तहत सिविल कार्य और दूसरा कला एवं प्रदर्षन कार्य शामिल है।

सिविल कार्य 86 प्रतिषत पूरा

सिविल कार्य हरियाणा पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर) विभाग द्वारा आवंटित किया गया है जिसमें व्याख्या केंद्र भवन, संग्रहालय, ओपन एयर थियेटर, सभागार, वाटर बॉडी, मेमोरियल टॉवर, डबल बेसमेंट कार पार्किंग, स्टाफ क्वार्टर, सूचना केंद्र, हेलीपैड इत्यादि शामिल है। 252 करोड़ रुपए खर्च कर लगभग 86 प्रतिषत कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है तथा शेष कार्य प्रगति पर है।

22 एकड़ में बनाया जा रहा यह स्मारक

अंबाला छावनी में नेषनल हाईवे-44 पर 1857 में स्वतंत्रता के पहले युद्ध को समर्पित निर्माणाधीन शहीद स्मारक नई दिल्ली के लाल किले संग्रहालय में इस्तेमाल की जा रही अत्याधुनिक तकनीक को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किया जा रहा है। अंबाला छावनी में 22 एकड़ में बनाया जा रहा यह स्मारक देश में अपनी तरह की एक अलग अवसंरचना है।

स्मारक को तीन श्रेणियों में किया विभाजित

इस स्मारक में होलोग्राम मूर्तियां भी परियोजना का हिस्सा होंगी। इसके अलावा, स्मारक को तीन श्रेणियों में विभाजित गया है जिसके तहत आजादी को पाने लिए दिए गए योगदान को दर्शाया जाएगा। इसमें पहले अंबाला की भूमिका, दूसरे में हरियाणा की भूमिका और तीसरे में देश भर के शहीदों की भूमिका का कला व डिजीटल तरीके से व्याख्यान होगा। हरियाणा के अंबाला छावनी में बनाया जा रहा शहीद स्मारक देश में अपनी तरह का अनूठा स्मारक होगा जिसमें स्वतंत्रता आंदोलन में हरियाणावासियों के योगदान को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया जाएगा ताकि शहीदों के जीवन और उनकी वीरता से युवा प्रेरणा ले सकें। इस स्मारक में तकनीक और इतिहास का अनूठा संगम भी होगा।