टमाटर के बाद अब इन सब्जियों पर छाई महंगाई, 250 रुपये तक पहुंचा दाम

Tomato Price Hike Today: देश में टमाटर (Tomato) के बढ़ते दाम चर्चा का विषय बने हुए हैं. टमाटर का दाम 100 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक चला गया है, जिससे रसोई का बजट बिगड़ गया है. इस बीच, हरी मिर्च और अदरक के साथ तमाम सब्जियों के दामों के बढ़ने की खबर है. देश में मानसून की दस्तक के साथ सब्जियों की कीमत बढ़ गई है. पूरे भारत में सब्जियों के दामों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है. सब्जियों की सप्लाई कम होने की वजह से इनके दाम में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है.

देश के अधिकतर शहरों में हरी मिर्च की कीमत में भारी उछाल आया है, वहीं, टमाटर पहले से ही 120 से 150 रुपये प्रति किलो के रेट पर बिक रहा है. हरी मिर्च भी अधिकतर शहरों में 150 से 250 रुपये किलो बिक रही है, इसके साथ अदरक के भाव भी ऊंचे हैं.

फूलगोभी, भिंडी और शिमला मिर्च के दाम

सब्जियों के बढ़ते दाम का असर फूलगोभी, भिंडी और शिमला मिर्च पर भी पड़ा है. बारिश के कारण पंजाब से आने वाली आपूर्ति बंद हो गई है. जिस कारण से सब्जियों के भाव में भारी बढ़त देखने को मिल रही है.

किन शहरों में सब्जियों के कितने दाम?

दिल्ली के साथ-साथ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. जो मिर्ची और धनिया मुफ्त में मिलते थे आज उनके भाव बढ़ गए हैं. हरी मिर्च 200 रुपये प्रति किलोग्राम तो अदरक 250 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है. वहीं, धनिया 200 रुपये प्रति किलोग्राम, लहसुन 250 रुपये प्रति किलोग्राम, टमाटर 120 रुपये प्रति किलोग्राम, शिमला मिर्च 150 रुपये प्रति किलोग्राम तो वहीं गोभी भी 80 रुपये किलोग्राम में बिक कर ग्राहक को अपने भाव‌ का स्वाद चखा रही है.

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में सब्जियों के दाम इतने बढ़ गए हैं कि लोगों का कहना है कि अब सब्जी खरीदने का मन ही नहीं करता है. लेकिन लोग करें तो क्या करें. कुरुक्षेत्र में टमाटर 100 रुपये से 120 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है तो गोभी भी 100 रुपये तक बिक रही है. भिंडी 60 रुपये प्रति किलोग्राम के पार हो गई है.

मिडिल क्लास लोगों की की रसोई का बजट बिगड़ गया है जिसके बाद अब लोगों ने सब्जियों की खरीद कम कर दी हैं. जहां लोगों को 1 किलोग्राम सब्जी की जरूरत होती थी अब वो आधा किलोग्राम या 250 ग्राम ही खरीदकर काम चला रहे हैं. जानकारों का मानना है कि जब तक नई फसल नहीं आ जाती तब तक दामों में कमी आने के आसार कम ही हैं.